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Wednesday, April 10, 2019

Top 100 Buddha Status in English 2022 [Unique & Fresh]



Buddha Status in English 2022: Here is the wonderful collection of Happy Buddha Status Wishes with best quotes for birthday wishes for your friends and family.

Buddha Status in English 2022

Buddha Status in English 2022


  1. शक की आदत से भयावह कुछ भी नहीं है. शक लोगों को अलग करता है. यह एक ऐसा ज़हर है जो मित्रता ख़त्म करता है और अच्छे रिश्तों को तोड़ता है. यह एक काँटा है जो चोटिल करता है, एक तलवार है जो वध करती है.
  2. बिना सेहत के जीवन जीवन नहीं है,
    बस पीड़ा की एक स्थिति है- मौत की छवि है…
  3. किसी विवाद में हम जैसे ही क्रोधित होते हैं हम सच का मार्ग छोड़ देते हैं, और अपने लिए प्रयास करने लगते हैं.
  4. तुम अपने क्रोध के लिए दंड नहीं पाओगे,
    तुम अपने क्रोध के द्वारा दंड पाओगे.
  5. घृणा घृणा से नहीं प्रेम से ख़त्म होती है,
    यह शाश्वत सत्य है.
  6. आपके पास जो कुछ भी है है उसे बढ़ा-चढ़ा कर मत बताइए, और ना ही दूसरों से इर्श्या कीजिये. जो दूसरों से इर्श्या करता है उसे मन की शांति नहीं मिलती…
  7. जैसे मोमबत्ती बिना आग के नहीं जल सकती,
    मनुष्य भी आध्यात्मिक जीवन के बिना नहीं जी सकता
  8. सभी बुरे कार्य मन के कारण उत्पन्न होते हैं.
    अगर मन परिवर्तित हो जाये तो क्या अनैतिक कार्य रह सकते हैं?
  9. हजारों खोखले शब्दों से अच्छा
    वह एक शब्द है जो शांति लाये.
  10. मैं कभी नहीं देखता कि क्या किया जा चुका है,
    मैं हमेशा देखता हूँ कि क्या किया जाना बाकी है.
  11. क्रोध को पाले रखना गर्म कोयले को किसी और पर फेंकने की नीयत से पकडे रहने के सामान है; इसमें आप ही जलते हैं.
  12. किसी जंगली जानवर की अपेक्षा एक कपटी और दुष्ट मित्र से अधिक डरना चाहिए, जानवर तो बस आपके शरीर को नुक्सान पहुंचा सकता है, पर एक बुरा मित्र आपकी बुद्धि को नुक्सान पहुंचा सकता है.
  13. वह जो पचास लोगों से प्रेम करता है उसके पचास संकट हैं, वो जो किसी से प्रेम नहीं करता उसके एक भी संकट नहीं है.
  14. स्वास्थ्य सबसे बड़ा उपहार है, संतोष सबसे बड़ा धन है, वफ़ादारी सबसे बड़ा सम्बन्ध है.
  15. जीवन में हजारों लड़ाइयां जीतने से अच्छा है कि तुम स्वयं पर विजय प्राप्त कर लो। फिर जीत हमेशा तुम्हारी होगी, इसे तुमसे कोई नहीं छीन सकता। >
  16. किसी भी हालात में तीन चीजें कभी भी छुपी नहीं रह सकती, वो है- सूर्य, चन्द्रमा और सत्य।
  17. जीवन में किसी उद्देश्य या लक्ष्य तक पहुंचने से ज्यादा महत्वपूर्ण उस यात्रा को अच्छे से संपन्न करना होता है।
  18. बुराई से बुराई कभी खत्म नहीं होती। घृणा को तो केवल प्रेम द्वारा ही समाप्त किया जा सकता है, यह एक अटूट सत्य है।
  19. सत्य के मार्ग पर चलते हुए व्यक्ति केवल दो ही गलतियां कर सकता है, पहली या तो पूरा रास्ता न तय करना, दूसरी या फिर शुरुआत ही न करना। >
  20. भविष्य के सपनों में मत खोओ और भूतकाल में मत उलझो सिर्फ वर्तमान पर ध्यान दो। जीवन में खुश रहने का यही एक सही रास्ता है।
  21. क्रोध में हजारों शब्दों को गलत बोलने से अच्छा, मौन वह एक शब्द है जो जीवन में शांति लाता है।
  22. हमेशा क्रोधित रहना, जलते हुए कोयले को किसी दूसरे व्यक्ति पर फेंकने की इच्छा से पकड़ रखने के समान है। यह क्रोध सबसे पहले आपको ही जलाता है। >
  23. जिस तरह एक जलते हुए दीये से हजारों दीपक रोशन किए जा सकते है, फिर भी उस दीये की रोशनी कम नहीं होती, उसी तरह खुशियां बांटने से हमेशा बढ़ती है, कभी कम नहीं होती।
  24. जीवन में आप चाहें जितनी अच्छी-अच्छी किताबें पढ़ लो, कितने भी अच्छे शब्द सुनो, लेकिन जब तक आप उनको अपने जीवन में नहीं अपनाते तब तक उसका कोई फायदा नहीं होगा।
  25. “हमारा दिमाग ही हमारे लिए सब कुछ है, जैसे आप सोचोंगे वैसे ही आप बनोंगे।”
  26. “शुद्धता और अशुद्धता किसी एक पर निर्भर करती है। कोई एक किसी दुसरे को शुद्ध नही कर सकता।“
  27. “भूतकाल पहले से जा चूका है, भविष्य अभी तक नही आया है, यही एक समय है जिसमे आप अपनी जिंदगी जी सकते हो।“
  28. वहीं जो कोई भी बौद्ध धर्म के प्रवर्तक महात्मा बुद्ध जी के विचारों का सच्चाई और ईमानदारी से अनुसरण करता है,वह अपने जीवन में सफलता जरुर हासिल करता है।
  29. “हर सुबह हमारा नया जन्म होता है. इसीलिए आज जो हम करते है वही हमारे लिए मायने रखता है।”
  30. “मुश्किलें तब आती है, जब आप ये सोचने लगते हो की आपके पास समय है।“
  31. “हमें छोड़कर कोई और हमें नहीं बचा सकता, कोई ऐसा कर भी नही सकता और करना भी नही चाहता। हमें खुद ही अपने रास्तो पर चलना होंगा।”
  32. “निश्चित ही बहोत से धार्मिक शब्द आपने पढ़े होंगे, निश्चित ही बहोत से बोले भी होंगे, लेकिन यदि आप उनपर कोई क्रिया नही करोंगे तो कैसे आप उन शब्दों को अच्छा कह सकते हो?”
  33. “एक पल आपका दिन बदल सकता है, एक दिन आपकी जिंदगी बदल सकता है और एक जिंदगी पूरी दुनिया बदल सकती है।“
  34. “चाहे आप जितने पवित्र शब्द पढ़ ले या बोल ले, वो आपका क्या भला जब तक आप उन्हें उपयोग में नहीं लाते?”
  35. “मान लीजिये की दुनिया का हर एक इंसान प्रबुद्ध (बुद्धिमान) है लेकिन आप नही। तब वे सभी आपके गुरु होंगे, उनमे से एक-एक आपकी सहायता के लिए उचित काम करेगा।“
  36. “यदि आपको लगता है की साहित्यिक मार्ग पर कोई आपके साथ नही है, तो अकेले चलते रहिये। अविकसितता की कोई संगती नही होती।“
  37. बौद्ध धर्म की नींव रखने वाले गौतम बुद्ध जी का जन्म एक अत्यंत समृद्ध एवं वैभवशाली राजा के महल में सिद्धार्थ के रुप में हुआ था और उनके जन्म के समय ही उनके महान योद्धा और तपस्वी बनने की भविष्यवाणी कर दी गई थी।
  38. “यदि हम अकेले फुल के चमत्कार को पूरी तरह देख पाये, तो निश्चित ही हमारा पूरा जीवन बदल जायेंगा।“
  39. “अगर कोई मुश्किल सुलझ सकती है तो क्यों चिंता करते हो? अगर मुश्किल सुलझ नही सकती तो इसका मतलब आप कुछ अच्छा नही कर रहे हो।”
  40. “हम अपने विचारो से ही अच्छी तरह ढलते है, हम वही बनते है जो हम सोचते है। जब मन पवित्र होता है तो ख़ुशी परछाई की तरह हमेशा हमारे साथ चलती है।“
  41. “एक मोमबत्ती से हजारो मोमबत्तिया जलाई जा सकती है, इस से मोमबत्ती का जीवन कम नही होगा। उसी तरह ख़ुशी भी बाटने से कम नही होती।”
  42. “जैसे मोमबत्ती बिना आग के नहीं जल सकती, मनुष्य भी आध्यात्मिक जीवन के बिना नहीं जी सकता।”
  43. हम जो कुछ भी हैं वो हमने आज तक क्या सोचा इस बात का परिणाम है. यदि कोई व्यक्ति बुरी सोच के साथ बोलता या काम करता है, तो उसे कष्ट ही मिलता है. यदि कोई व्यक्ति शुद्ध विचारों के साथ बोलता या काम करता है, तो उसकी परछाई की तरह ख़ुशी उसका साथ कभी नहीं छोड़ती.
  44. “क्रोध को पाले रखना गर्म कोयले को किसी और पर फेकने की नियत से पकडे रहने के समान हैं, इसमें आप ही जलते हैं।”
  45. “ये बेहतर होंगा की आप युद्ध जितने से पहले अपने आप को निर्मित करे। क्यू की तब जो आपकी जीत होंगी, वह आपसे कोई नही छीन पायेंग।”
  46. “एक आदमी सिर्फ और सिर्फ बोलते रहने की वजह से ज्ञानी नही कहलाता, बल्कि वह शांतिपूर्ण, प्यारा और निडर होने की वजह से ज्ञानी कहलाता है।”
  47. जैसे मोमबत्ती बिना आग के नहीं जल सकती, मनुष्य भी आध्यात्मिक जीवन के बिना नहीं जी सकता.
  48. आपके पास जो कुछ भी है है उसे बढ़ा-चढ़ा कर मत बताइए, और ना ही दूसरों से ईर्ष्या कीजिये. जो दूसरों से ईर्ष्या करता है उसे मन की शांति नहीं मिलती.
  49. चलिए ऊपर उठें और आभारी रहे, क्योंकि अगर हमने बहुत नहीं तो कुछ तो सीखा, और अगर हमने कुछ भी नहीं सीखा, तो कम से कम हम बीमार तो नहीं पड़े, और अगर हम बीमार पड़े तो कम से कम हम मरे नहीं; इसलिए चलिए हम सभी आभारी रहे.
  50. किसी विवाद में हम जैसे ही क्रोधित होते हैं हम सच का मार्ग छोड़ देते हैं, और अपने लिए प्रयास करने लगते हैं.
  51. किसी जंगली जानवर की अपेक्षा एक कपटी और दुष्ट मित्र से अधिक डरना चाहिए, जानवर तो बस आपके शरीर को नुक्सान पहुंचा सकता है, पर एक बुरा मित्र आपकी बुद्धि को नुक्सान पहुंचा सकता है.
  52. हमें हमारे सिवा कोई और नहीं बचाता. न कोई बचा सकता है और न कोई ऐसा करने का प्रयास करे. हमें खुद ही इस मार्ग पर चलना होगा.
  53. अंत में ये चीजें सबसे अधिक मायने रखती हैं: आपने कितने अच्छे से प्रेम किया? आपने कितनी पूर्णता के साथ जीवन जिया? आपने कितनी गहराई से अपनी कुंठाओं को जाने दिया.
  54. सत्य के मार्ग पे चलते हुए कोई दो ही गलतियाँ कर सकता है; पूरा रास्ता ना तय करना, और इसकी शुरआत ही ना करना.
  55. शक की आदत से भयावह कुछ भी नहीं है. शक लोगों को अलग करता है. यह एक ऐसा ज़हर है जो मित्रता ख़त्म करता है और अच्छे रिश्तों को तोड़ता है. यह एक काँटा है जो चोटिल करता है, एक तलवार है जो वध करती है.
  56. क्रोध को पाले रखना गर्म कोयले को किसी और पर फेंकने की नीयत से पकड़े रहने के सामान है; इसमें आप ही जलते हैं.
  57. मन और शरीर दोनों के लिए स्वास्थय का रहस्य है- अतीत पर शोक मत करो, ना ही भविष्य की चिंता करो, बल्कि बुद्धिमानी और ईमानदारी से वर्तमान में जियो.
  58. वह जो पचास लोगों से प्रेम करता है उसके पचास संकट हैं, वो जो किसी से प्रेम नहीं करता उसके एक भी संकट नहीं है.
  59. आप पूरे ब्रह्माण्ड में किसी ऐसे व्यक्ति की तलाश कर सकते हैं जो आपसे अधिक आपके प्रेम और स्नेह के लायक है, और वह व्यक्ति आपको कहीं नहीं मिलेगा. जितना इस ब्रह्माण्ड में कोई और आपके प्रेम और स्नेह के अधिकारी है, उतना ही आप खुद हैं.
  60. जो जगा है उसके लिए रात लम्बी है; जो थका है उसके लिए दूरी लम्बी है, जो मूर्ख सच्चा धर्म नहीं जानता उसके लिए जीवन लम्बा है.
  61. सभी प्राणियों के लिए दया-भाव रखें, चाहे वो अमीर हो या गरीब; सबकी अपनी-पानी पीड़ा है. कुछ बहुत अधिक भुगतते हैं, कुछ बहुत कम.
  62. ध्यान से ज्ञान प्राप्त होता है; ध्यान की कमी अज्ञानता लाती है. अच्छी तरह जानो क्या तुम्हे आगे ले जाता है और क्या तुम्हे रोके रखता है, और उस मार्ग को चुनो जो बुद्धिमत्ता की और ले जाता हो.
  63. कोई व्यक्ति इसलिए ज्ञानी नहीं कहलाता क्योंकि वह सिर्फ बोलता रहता है; लेकिन अगर वह शांतिपूर्ण, प्रेमपूर्ण और निर्भय है तो वह वास्तव में ज्ञानी कहलाता है.
  64. किसी चीज पर यकीन मत करो, ये मायने नहीं रखता कि आपने उसे कहाँ पढ़ा है, या किसने उसे कहा है, कोई बात नहीं अगर मैंने ये कहा है, जब तक कि वो आपके अपने तर्क और समझ से मेल नही खाती.
  65. इस तिहरे सत्य को सभी को सिखाओ: एक उदार दिल, दयालु भाषण, तथा सेवा और करुणा का जीवन, ये वो चीजें हैं जो मानवता को नवीनीकृत करती हैं.
  66. जब आपको पता चलेगा कि सबकुछ कितना सही है तब आप अपना सर पीछे झुकायेंगे और आकाश की और देखकर मुस्कुराएंगे.
  67. एक मोमबत्ती से हजारों मोमबत्तियां जलाई जा सकती हैं, और उस मोमबत्ती का जीवन घटेगा नहीं. ख़ुशी कभी भी बांटने से घटती नहीं है.
  68. एक भिक्षुक जिस किसी भी चीज के पीछे अपने सोच-विचार से लगा रहता है, वही उसकी जागरूकता का झुकाव बन जाता है.
  69. क्रोध को बिना क्रोधित हुए जीतो; बुराई को अच्छाई से जीतो; कंजूसी को दरियादिली से जीतो, और असत्य बोलने वाले को सत्य बोलकर जीतो.
  70. शब्द बहुत अच्छी तरह से विचार व्यक्त नहीं करते हैं; हर चीज तुरंत थोड़ा अलग हो जाती है, थोड़ा विकृत हो जाती है, थोड़ा मूर्खतापूर्ण हो जाती है.
  71. अगर देने की ताकत के बारे में आप भी वो जानते जो मैं जानता हूँ तो आप एक बार का भी भोजन किसी तरह से साझा किये बिना नहीं जाने देते.
  72. आकाश में, पूर्व और पश्चिम का कोई भेद नहीं है; लोग अपने विचारों से भेद पैदा करते हैं और फिर उनके सही होने पर यकीन कर लेते हैं.
  73. भूत पहले ही बीत चुका है, भविष्य अभी तक आया नहीं है. तुम्हारे लिए जीने के लिए बस एक ही क्षण है.
  74. यदि आप पर्याप्त शांत हैं, तो आपको ब्रह्मांड का प्रवाह सुनाई देगा. आप उसकी ताल महसूस कर पायेंगे. इस प्रवाह के साथ आगे बढिए. आगे प्रसन्नता है. ध्यान महत्त्वपूर्ण है.
  75. तुम्हारा सबसे बड़ा शत्रु तुम्हे उतना नुक्सान नहीं पहुंचा सकता जितना कि तुम्हारे खुद के बेपरवाह विचार. लेकिन एक बार काबू कर लिया जाए तो कोई तुम्हारी इतनी मदद भी नहीं कर सकता, तुम्हारे माता-पिता भी नहीं.
  76. अगर किसी के विचार गंदे हैं, अगर वह लापरवाह है और धोखे से भरा हुआ है, तो वह पीले वस्त्र कैसे धारण कर सकता है? जो कोई भी अपनी प्रकृति का स्वामी है, उज्ज्वल, स्पष्ट और सत्य है, वह वास्तव में पीले वस्त्र धारण कर सकता है.
  77. क्रोध कभी नहीं जाएगा जब तक कि क्रोध के विचारों को मन में रखा जाएगा. जैसे ही क्रोध के विचारों को भुला दिया जाएगा वैसे ही क्रोध गायब हो जाएगा.
  78. अपना ह्रदय अच्छी चीजें करने में लगाओ. इसे बार-बार करो और तुम प्रसन्नता से भर जाओगे.
  79. आप चाहे जितने पवित्र शब्द पढ़ लें, चाहे जितने बोल लें, वे आपका क्या भला करेंगे यदि आप उन पर कार्य नहीं करते हैं?
  80. अनुशासनहीन मन से अधिक उद्दंड और कुछ नहीं है, और अनुशासित मन से अधिक आज्ञाकारी और कुछ नहीं है.
  81. क क्षण एक दिन बदल सकता है, एक दिन एक जीवन को बदल सकता है और एक जीवन पूरे विश्व को बदल सकता है.
  82. यदि समस्या का समाधान किया जा सकता है तो चिंता क्यों करें? यदि समस्या का समाधान नहीं किया जा सकता तो चिंता करना आपको कोई फायदा नहीं पहुंचाएगा.
  83. मन और शरीर दोनों के लिए सेहत का रहस्य है कि जो बीत गया उस पर दुःख ना करें, भविष्य की चिंता ना करें, और ना ही किसी खतरे की आशा करें, बल्कि मौजूदा क्षण में बुद्धिमानी और ईमानदारी से जियें.
  84. वह व्यक्ति जो 50 लोगों को प्यार करता है, 50 दुखों से घिरा होता है, जो किसी से भी प्यार नहीं करता है उसे कोई संकट नहीं है.
  85. अपने शरीर को स्वस्थ रखना भी एक कर्तव्य है, अन्यथा आप अपनी मन और सोच को अच्छा और साफ़ नहीं रख पाएंगे!
  86. उसने मेरा अपमान किया उसने मेरे साथ गलत किया , व्यक्ति इन्ही बातो को करते रहते हैं वह कभी जीवन में चैन से नहीं रह सकते | जिन लोगो ने अपने को इन बातो से ऊपर उठा लिया है वही आराम से जीवन जी सकते हैं . Gautam Buddha गौतम बुद्ध
  87. अपने बराबर या अपने से समझदार लोगो के साथ सफर कीजिये , अपने से काम समझदार लोगो के साथ सफर करने से अच्छा है अकेले सफर कीजिये Gautam Buddha गौतम बुद्ध
  88. जिस तरह एक मोमबत्ती से अनेक मोमबत्ती जलाई जा सकती हैं इससे मोमबत्ती का जीवन काम नहीं होता , उसी तरह ख़ुशी बाटने से काम नहीं होती. Gautam Buddha गौतम बुद्ध
  89. बुरे दोस्तों से जंगली जानवरो से ज़्यादा सावधान रहना चाहिए , जंगली जानवर केवल आपके शरीर को नुक्सान पंहुचा सकते हैं और बुरे दोस्त आपके दिमाग को भी |
  90. क्रोध एक ऐसी आग है जो दूसरे का नुक्सान करे या न करे खुद का नुक्सान ज़रूर करती है |Gautam Buddha गौतम बुद्ध
  91. अपना रास्ता स्वंय बनाएं – हम अकेले पैदा होते हैं और अकेले मृत्यु को प्राप्त होते हैं, इसलिए हमारे अलावा कोई और हमारी किस्मत का फैसला नहीं कर सकता।
  92. आप चाहे कितने भी पवित्र शब्दों को पढ़ या बोल लें,लेकिन जब तक उनपर अमल नहीं करते उसका कोई फायदा नहीं है।
  93. -निष्क्रिय होना मृत्यु का एक छोटा रास्ता है, मेहनती होना अच्छे जीवन का रास्ता है, मूर्ख लोग निष्क्रिय होते हैं और बुद्धिमान लोग मेहनती।
  94. जिस व्यक्ति का मन शांत होता है, जो व्यक्ति बोलते और अपना काम करते समय शांत रहता है, वह वही व्यक्ति होता है जिसने सच को हासिल कर लिया है और जो दुःख-तकलीफों से मुक्त हो चुका है।
  95. जो दिमाग अनुशाशन में नहीं होता उससे ज़्यदा अवज्ञारी कुछ नहीं और जो दिमाग अनुशाशन में है उससे ज़्यदा आज्ञाकारी कुछ नहीं .
  96. जिसे नींद नहीं आती उसके लिए रात लम्बी है; जो थका हुआ है उसके लिए दूरी लम्बी है, उसी तरह जो मूर्ख सच्चा धर्म नहीं जानता उसके लिए जीवन लम्बा है.
  97. क्रोध को पाले रखना गर्म कोयले को किसी और पर फेंकने की नीयत से पकडे रहने के सामान है, इसमें आप ही जलते हैं।
  98. ईर्ष्या और नफरत की आग में जलते हुए इस संसार में खुशी और हंसी स्थाई नहीं हो सकती। अगर आप अँधेरे में डूबे हुए हैं, तो आप रौशनी की तलाश क्यों नहीं करते।
  99. एक जागे हुए व्यक्ति को रात बड़ी लम्बी लगती है, एक थके हुए व्यक्ति को मंजिल बड़ी दूर नजर आती है। इसी तरह सच्चे धर्म से बेखबर मूर्खों के लिए जीवन-मृत्यु का सिलसिला भी उतना ही लंबा होता है।
  100. जिस प्रकार लापरवाह रहने पर घास जैसी नरम चीज की धार भी हाथ को घायल कर देती है, उसी तरह से धर्म के वास्तविक स्वरूप को पहचानने में हुई गलती आपको नर्क के दरवाजे पर पहुंचा सकती है।

101.
The mind is everything; what you think, you become.

102.
 Do not dwell in the past, do not dream of the future, concentrate the mind on the present moment.

103.
All that we are is the result of what we have thought. The mind is everything. What we think, we become.

104.
Holding on to anger is like drinking poison and expecting the other person to die.
Every human being is the author of his own health or disease.

105.
The secret of health for both mind and body is not to mourn for the past, nor to worry about the future, but to live the present moment wisely and earnestly.

106.
You will not be punished for your anger, you will be punished by your anger.

107.
Happiness comes when your work and words are of benefit to others.

108.
Kindness should become the natural way of life, not the exception.

109.
However many holy words you read, however many you speak, what good will they do you if you do not act on upon them?

110.
Holding on to anger is like grasping a hot coal with the intent of throwing it at someone else; you are the one who gets burned.

111.
There is no path to happiness: happiness is the path.

112.
The tongue like a sharp knife… Kills without drawing blood.

113.
You yourself, as much as anybody in the entire universe, deserve your love and affection.

114.
Conquer anger by love, evil by good; conquer the miser with liberality, and the liar with truth.

115.
As you walk and eat and travel, be where you are. Otherwise, you will miss most of your life.

116.
You yourself, as much as anybody in the entire universe, deserve your love and affection.

117.
What we are today comes from our thoughts of yesterday, and our present thoughts build our life of tomorrow: Our life is the creation of our mind.

118.
Just as a candle cannot burn without fire, men cannot live without a spiritual life.

119.
Meditate. Live purely. Be quiet. Do your work with mastery. Like the moon, come out from behind the clouds! Shine.

120.
Thousands of candles can be lighted from a single candle, and the life of the candle will not be shortened. Happiness never decreases by being shared.

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