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Tuesday, April 9, 2019

Top 120 Kahlil Gibran Status in English 2022 [Unique & Fresh]



Kahlil Gibran Status in English 2022: got all the latest and fresh Kahlil Gibran Status and status for your social media profile, which you can share with your friends by posting them

Kahlil Gibran Status in English 2022

Kahlil Gibran Status in English 2022


  1. आप बिना प्यार के और आधे-अधूरे मन से काम कर रहे हैं तो बेहतर है की आप उस काम को करना छोड़ दें.
  2. जब आप खुश हो तब गहराई से अपने ह्रदय में देखिये और आप पाएंगे कि जिस चीज ने आपको दुखी किया था वही आपको खुशी दे रही है। जब आप दुखी हों, तब फिर अपने ह्रदय में झांकिए, और आप देखेंगे कि असल में आप जिसके लिए रो रहे हैं वाही आपकी खुशी रहा है।
  3. जो बीत चूका है वो आज के लिए सुन्दर याद है, लेकिन आने वाला कल आज के लिए किसी हसीं सपने से कम नहीं है.
  4. किसी व्यक्ति के दिल और दिमाग को समझने के लिए यह न देखिए की वह क्या हासिल कर चूका है. इस बात की तरफ ध्यान दीजिए की वह क्या हासिल करने की ख्वाहिश रख रहा है.
  5. यार के बिना जीवन उस वृक्ष की तरह है जिस पर कभी फल नहीं लगते हैं.
  6. ज्ञान, ज्ञान नहीं रह जाता जब वह इतना अभिमानी हो जाए कि रो भी ना सके, इतना गंभीर हो जाए कि हंस भी ना सके और इतना स्वार्थी हो जाये कि अपने सिवा किसी और का अनुसरण ना कर सके.
  7. ज्ञान ज्ञान नहीं रह जाता जब वह इतना अभिमानी हो जाए कि रो भी न सके, इतना गंभीर हो जाए कि हंस भी न सके और इतना स्वार्थी हो जाए कि अपने सिवा किसी और का अनुसरण न कर सके।
  8. बीता हुआ कल आज की स्मृति है और आने वाला कल आज का स्वप्न है.
  9. एक दोस्त जो बहुत दूर है वो कभी कभी करीब रहने वालों से अधिक नज़दीक होता है. क्या पहाड़ , वहां रहने वालों की अपेक्षा घाटी से गुजरने वालों को कहीं अधिक प्रेरणादायी और स्पष्ठ नहीं दिखता ?
  10. आप कैसे जीते हैं, ये ज़िन्दगी आपको क्या देती है। इससे अधिक महत्वपूर्ण आप अपनी ज़िन्दगी को किस नजरिये से देखते हैं इस पर निर्भर करता है; आपकी ज़िन्दगी में क्या हुआ, इससे अधिक जो हुआ उसे आप कैसे देखते हैं इस पर निर्भर करता है।
  1. मैंने बतुनियों से शांत रहना सिखा है, असहिष्णु व्यक्तियों से सहनशीलता सीखी है, निर्दयी व्यक्तियों से दयालुता सीखी है, पर फिर भी कितना अजीब है कि मैं उन शिक्षकों का आभारी नहीं हूँ।
  2. ”इच्छाओ का संघर्ष प्रकट करता हैं की जीवन व्यवस्थित होना चाहता हैं|” ~ख़लील जिब्रान
  3. आगे बढ़ी, कभी रुको मत, क्योंकि आगे बढ़ना ही पूर्णता है। आगे बढ़ो और रास्ते में आने वाले काँटों से डरो मत, क्योंकि ये सिर्फ गन्दा खून निकालते हैं।
  4. ”जबसे मुझे पता चला हैं की मखमल के गद्दे पर सोनेवालो के सपने नंगी ज़मीन पर सोनेवालो के सपनो से मधुर नही होते, तबसे मुझे प्रभु के न्याय मे दृढ़ श्रद्धा हो गयी हैं|” ~ख़लील जिब्रान
  5. ”बर्फ और तूफान फुलो को तबाह कर सकते हैं, लेकिन बीज नही मर सकते|” ~ख़लील जिब्रान
  6. जो शिक्षक वास्तव में बुद्धिमान है वो आपको अपने ज्ञान प्रकोष्ठ में प्रवेश करने का आदेश नहीं देता बल्कि वो आपको आपके बुद्धि की पराकाष्ठा तक ले जाता है .
  7. एक दोस्त जो बहुत दूर है वो कभी कभी करीब रहने वालों से अधिक नज़दीक होता है . क्या पहाड़ , वहां रहने वालों की अपेक्षा घाटी से गुजरने वालों को कहीं अधिक प्रेरणादायी और स्पष्ठ नहीं दिखता ?
  8. ”उस जाति की स्थिति कितनी दयनीय हैं, जो परस्पर वेमनस्य के कारण कई संप्रदायो मे बॅट चुकी हैं और हर संप्रदाय स्वयं को एक जाती मानने लगा हैं|” ~ख़लील जिब्रान
  9. ”कितना अँधा हैं वह व्यक्ति जो अपनी जेब से दूसरे का दिल खरीदना चाहता हैं|” ~ख़लील जिब्रान
  10. मैं तुमसे प्रेम करता हूँ जब तुम अपने मस्जिद में झुकते हो , अपने मंदिर में घुटने टेकते हो , अपने गिरजाघर में प्रार्थना करते हो। क्योंकि तुम और मैं एक ही धर्म की संतान हैं , और यही भावना है .
  11. ”वह उल्लू जिसकी आँखे केवल रात के अंधेरे मे ही खुलती हैं, प्रकाश के रहस्य को कैसे जान सकता हैं|” ~ख़लील जिब्रान
  12. मैंने बातूनियों से शांत रहना सीखा है , असहिष्णु व्यक्तियों से सहनशीलता सीखी है , निर्दयी व्यक्तियों से दयालुता सीखी है ; पर फिर भी कितना अजीब है कि मैं उन शिक्षकों का आभारी नहीं हूँ .
  13. ”मेरे दोस्तो,किसी भी चीज़ को कुरूप मत कहो, सिवा उस भय के जिसकी मारी कोई आत्मा स्वयं अपनी स्मृति से डरने लगे|” ~ख़लील जिब्रान
  14. ”मैं ही आग हूँ, मैं ही कूड़ा-करकट, मेरी आग मेरे कूड़े को जलाकर भस्म कर दे तो मैं अच्छा जीवन पाऊँगा|” ~ख़लील जिब्रान
  15. ”उस धनिक का रंज जिसे कोई नही लेता, उस भिकारी के दुख से ज़्यादा हैं जिसे कोई नही देता|” ~ख़लील जिब्रान
  16. ”आकाशगंगा की खिड़किया देखने वाले के लिए पृथ्वी और सुर्य के बीच की दूरी, दूरी नही|” ~ख़लील जिब्रान
  17. ”जो निर्बलो पर दया नही करता, उसे बलवानो के अत्याचार सहने पड़ेंगे|” ~ख़लील जिब्रान
  18. ”जब जिंदगी को अपने दिल के गीत सुनाने के लिए गायक नही मिलता तो वह अपने मन के विचार सुनाने के लिए दार्शनिक पैदा कर देती हैं|” ~ख़लील जिब्रान
  19. ”वह गमगीन हृदय कितना भव्य हैं, जो खुशी का तराना गाता हैं|” ~ख़लील जिब्रान
  20. ”अमीर और ग़रीब का फ़र्क कितना नगण्य हैं| एक ही दिन की भूख और एक ही घंटे की प्यास दोनो को समान बना देती हैं|” ~ख़लील जिब्रान
  21. ”संतोष जीवन के उद्देश्य का दरवाज़ा खोलता हैं, क्यूकी सिवाय संतोष के उस दरवाज़े की और कोई कुंजी नही हैं|” ~ख़लील जिब्रान
  22. ”यह ज़्यादा अक्लमंदी की बात हैं की हम उस खुदा की बाते कम करे, जिसे हम समझ नही सकते और उन इंसानो की बाते ज़्यादा करे जिन्हे हम समझ सकते हैं|” ~ख़लील जिब्रान
  23. ”मैने बातुनी से मौन सीखा हैं, असहिष्णु से सहिष्णुता और दयाहीन से दयालुता|” ~ख़लील जिब्रान
  24. आप कैसे जीते हैं ये ज़िन्दगी आपको क्या देती है इससे अधिक आप अपनी ज़िन्दगी को क्या नजरिया देते हैं इसपर निर्भर करता है ; जितना आपकी ज़िन्दगी में क्या हुआ इससे अधिक जो हुआ उसे आप कैसे देखते हैं इसपर निर्भर करता है .
  25. आपके बच्चे आपके बच्चे नहीं हैं . वे जीवन की खुद के प्रति लालसा के पुत्र-पुत्रियाँ हैं . वे आपके द्वारा आये पर आपसे नहीं आये और हालांकि वो आपके साथ हैं पर फिर भी आपके नहीं हैं .
  26. काम प्रेम की अभिव्यक्ति है . और यदि आप प्रेम से नहीं सिर्फ बेमन से काम कर सकते हैं तो बेहतर होगा कि आप अपना काम छोड़ दें और मंदिर के गेट पर बैठ कर उनसे भीख लें जो ख़ुशी से काम करते हैं .
  27. यदि आप किसी से प्रेम करते हैं तो उसे जाने दें , क्योंकि यदि वो लौटते हैं तो वो हमेशा से आपके थे। और यदि नहीं लौटते हैं तो कभी आपके नहीं थे .
  28. मुझे उस ज्ञान से दूर रखो जो रोता न हो , उस दर्शन से दूर रखो जो हँसता न हो और उस महानता से दूर रखो जो बच्चों के सामने सर न झुकाता हो .
  29. कला जो स्पष्ठ और अच्छी तरह से ज्ञात है उससे रहस्य और छिपे हुए की तरफ बढाया हुआ एक कदम है .
  30. आगे बढ़ी , कभी रुको मत , क्योंकि आगे बढ़ना पूर्णता है . आगे बढ़ो और रास्ते में आने वाले काँटों से डरो मत , क्योंकि वे सिर्फ गन्दा खून निकालते हैं .
  31. जब आप खुश हों तब गहराई से अपने ह्रदय में देखिये और आप पायेंगे कि जिस चीज ने आपको दुखी किया था वही आपको ख़ुशी दे रही है.जब आप दुखी हों, तब फिर अपने हृदय में झांकिए, और आप देखेंगे की असल में आप जिसके लिए रो रहे हैं वही आपकी ख़ुशी रहा है.
  32. थोडा ज्ञान जो प्रयोग में लाया जाए वो बहुत सारा ज्ञान जो बेकार पड़ा है उससे कहीं अधिक मूल्यवान है .
  33. जिस व्यक्ति को तुम अज्ञानी और तुच्छ समझते हो वो भगवान् की और से आया है , हो सकता है वो दुःख से आनंद और निराशा से ज्ञान सीख ले .
  34. जीवन के दो मुख्य तोहफे ; सुन्दरता और सत्य, पहला मुझे एक प्यार भरे दिल और दूसरा एक श्रमिक के हाथों में मिला .
  35. कल हम राजाओं की आज्ञा मानते थे और के शाशकों के सामने सर झुकाते थे . लेकिन आज हम केवल सत्य के सामने घुटने टेकते हैं , सुन्दरता का अनुसरण करते हैं , और केवल प्रेम की आज्ञा मानते हैं .
  36. एक दूसरे से प्रेम करें , लेकिन प्रेम का कोई बंधन ना बाधें : बल्कि इसे अपनी आत्माओं के किनारों के बीच एक बहते हुए सागर के सामान रहने दें।
  37. जब आप दुखी हों तो पुनः अपने ह्रदय में झांकें , और आप पाएंगे की वास्तविकता में आप उसके लिए रो रहे हैं जो आपकी ख़ुशी रहा हो .
  38. जो सही है वो लोगों के दिल के करीब होता है , लेकिन जो दयालु है वो भगवान् के ह्रदय के करीब होता है .
  39. आपकी रोजमर्रा की ज़िन्दगी आपका मंदिर और आपका धर्मं है . जब आप इसमें प्रवेश करते हैं तो पूरी तरह से प्रवेश करिए .
  40. यदि आप अपने राज़ हवा से बताते हैं तो उनके पेड़ों को पता चलने का दोष हवा को नहीं देना चाहिए .
  41. कष्ट सह कर ही सबसे मजबूत लोग निर्मित होते हैं, सबसे महान हस्तियों पर घाव के निशान होते हैं।
  42. थोडा ज्ञान जो प्रयोग में लाया जाता हैं, वो बहुत सारा ज्ञान जो बेकार पड़ा है उससे कहीं गुना अधिक मूल्यवान होता है।
  43. जब आप अपनी संपत्ति देते हैं तब आप देते तो हैं मगर बहुत . पर जब आप खुद को देते हैं तब आप वास्तविकता में देते हैं .
  44. आने वाली पीढ़ी गरीबी से समानता और संकट से प्रेम सीखेगी।
  1. एक दूसरे से प्रेम करें, लेकिन प्रेम पर कोई बंधन ना बाधें, बल्कि इसे अपनी आत्माओं के किनारों के बीच एक बहते हुए सागर के समान बहने दें।
  2. मैंने बातूनियों से शांत रहना सीखा है, असहिष्णु लोगो से सहनशीलता सीखी है, निर्दयी लोगो से दयालुता सीखी है, पर फिर भी कितना अजीब है कि मैं उन शिक्षकों का आभारी नहीं हूँ।
  3. आपकी रोजमर्रा की ज़िन्दगी ही आपका मंदिर और आपका धर्मं है, जब आप इसमें प्रवेश करते हैं तो पूरी तरह से प्रवेश कीजिये।
  1. वो ज्ञान, ज्ञान नहीं रह जाता, जब वह इतना अभिमानी हो जाए कि थोड़ा रो भी ना सके, इतना गंभीर हो जाए कि हंस भी ना सके और इतना स्वार्थी हो जाये कि अपने सिवा किसी और का अनुसरण भी ना कर सके।
  2. वो शिक्षक वास्तव में बुद्धिमान है जो आपको अपने ज्ञान प्रकोष्ठ में प्रवेश करने का आदेश नहीं देता, बल्कि वो आपको आपके बुद्धि की पराकाष्ठा तक ले जाता है।
  3. ये मत भूलो की ये धरती तुम्हारे पैरों को महसूस करके खुश होती है और हवा तुम्हारे बालों से अठखेलियां करना चाहती है।
  4. यदि आप किसी से प्रेम करते हैं तो उसे जाने दें, क्योंकि यदि वो लोट कर आते हैं तो वो हमेशा से आपके थे। और यदि नहीं लौटते हैं तो कभी आपके थे ही नही।
  5. यदि आप अपने राज़ हवा से बताते हैं तो आपके राज़ का पेड़ों को पता चलने का दोष हवा को नहीं देना चाहिए
  1. मेरा अस्तित्व अगर किसी के नष्ट होने का कारण बनता है तो मौत मुझे अधिक प्रिय औऱ आकर्षक होगी।
  1. मैं तुमसे प्यार करता हूँ जब तुम अपने मस्जिद में झुकते हो, अपने मंदिर में घुटने टेकते हो, अपने गिरजाघर में प्रार्थना करते हो। क्योंकि तुम और मैं एक ही धर्म की संतान हैं, और यही भावना होनी चाहिए।
  1. आपका दिल ज्वालामुखी की तरह है। उसमे गुस्सा भरा है आप अपने हाथों में फूलों के खिलने की उम्मीद भी कैसे कर सकते है।
  2. जो सही है वो लोगों के दिल के करीब होता है, लेकिन जो दयालु है वो भगवान् के ह्रदय के करीब होता है।
  1. यदि कोई आपको चोट पहुंचाता है तो हो सकता है, आप उसे भूल जाएं; लेकिन यदि आप उसे चोट पहुंचाते हैं तो आप हमेशा इसे याद रखेंगे।
  2. जो बीत चूका है वो आज के लिए सुन्दर याद है, लेकिन आने वाला कल आज के लिए किसी हसीं सपने से कम नहीं है।
  3. आप बिना प्यार के और आधे-अधूरे मन से काम कर रहे हैं तो बेहतर है की आप उस काम को करना छोड़ दें।
  4. जीवन आपको दो तोहफे देता है। सुंदरता और सच। ख़ूबसूरत दिल के पास सुंदरता होती है, लेकिन सच वही बोलता है जो काम करता है।
  5. मैंने बातूनियों से शांत रहना सीखा है , असहिष्णु व्यक्तियों से सहनशीलता सीखी है , निर्दयी व्यक्तियों से दयालुता सीखी है ; पर फिर भी कितना अजीब है कि मैं उन शिक्षकों का आभारी नहीं हूँ।
  6. जिस व्यक्ति को तुम अज्ञानी और तुच्छ समझते हो वो भगवान् की और से आया है , हो सकता है वो दुःख से आनंद और निराशा से ज्ञान सीख ले।
  7. काम प्रेम की अभिव्यक्ति है। और अगर आप प्रेम से नहीं सिर्फ बेमन से काम कर सकते हैं तो बेहतर होगा कि आप अपना काम छोड़ दें और मंदिर के गेट पर बैठ कर उनसे भीख लें जो खुशी से काम करते हैं।
  8. ज्ञान ज्ञान नहीं रह जाता जब वह इतना अभिमानी हो जाए कि रो भी ना सके, इतना गंभीर हो जाए कि हंस भी ना सके और इतना स्वार्थी हो जाये कि अपने सिवा किसी और का अनुसरण ना कर सके।
  9. दोस्ती की मिठास में हास्य और खुशियों का बांटना होना चाहिए। क्योंकि छोटी -छोटी चीजों की ओस में दिल अपनी सुबह खोज लेता है और तरोताज़ा हो जाता है।
  10. मैं तुमसे प्रेम करता हूँ जब तुम अपने मस्जिद में झुकते हो, अपने मंदिर में घुटने टेकते हो, अपने गिरजाघर में प्रार्थना करते हो। क्योंकि तुम और मैं एक ही धर्म की संतान हैं, और यही भावना है।
  11. एक दोस्त जो बहुत दूर है वो कभी कभी करीब रहने वालों से अधिक नज़दीक होता है। क्या पहाड़ , वहां रहने वालों की अपेक्षा घाटी से गुजरने वालों को कहीं अधिक प्रेरणादायी और स्पष्ठ नहीं दिखता ?
  12. यदि आप किसी से प्रेम करते हैं तो उसे जाने दें , क्योंकि यदि वो लोट कर आता हैं तो वो हमेशा से आपका थे। और यदि नहीं लोटता हैं तो कभी आपका नहीं था।
  13. जो शिक्षक वास्तव में बुद्धिमान है वो आपको अपनी बुद्धिमता में प्रवेश करने का आदेश नहीं देता बल्कि वो आपको आपकी बुद्धि की पराकाष्ठा तक ले जाता है।
  14. आगे बढ़ी , कभी रुको मत , क्योंकि आगे बढ़ना पूर्णता है . आगे बढ़ो और रास्ते में आने वाले काँटों से डरो मत , क्योंकि वे सिर्फ गन्दा खून निकालते हैं .
  15. मैं तुमसे प्रेम करता हूँ जब तुम अपने मस्जिद में झुकते हो , अपने मंदिर में घुटने टेकते हो , अपने गिरजाघर में प्रार्थना करते हो। क्योंकि तुम और मैं एक ही धर्म की संतान हैं , और यही भावना है।
  16. मुझे उस ज्ञान से दूर रखो जो रोता न हो , उस दर्शन से दूर रखो जो हँसता न हो और उस महानता से दूर रखो जो बच्चों के सामने सर न झुकाता हो।
  17. अगर आपने अपना कोई रहस्य किसी एक व्यक्ति को बताया है, तो आप उसे अपने इस रहस्य को दूसरे लोगो को बताने से रोक नहीं सकते है।
  18. काव्य शब्दकोष के छीटों के साथ ख़ुशी , दर्द और आश्चर्य का सौदा है।
  19. जीवन के दो मुख्य तोहफे ; सुन्दरता और सत्य, पहला मुझे एक प्यार भरे दिल और दूसरा एक श्रमिक के हाथों में मिला।
  20. कला जो स्पष्ठ और अच्छी तरह से ज्ञात है उससे रहस्य और छिपे हुए की तरफ बढाया हुआ एक कदम है।
  21. एक दूसरे से प्रेम करें , लेकिन प्रेम का कोई बंधन ना बाधें : बल्कि इसे अपनी आत्माओं के किनारों के बीच एक बहते हुए सागर के सामान रहने दें।
  22. ”जबसे मुझे पता चला हैं की मखमल के गद्दे पर सोनेवालो के सपने नंगी ज़मीन पर सोनेवालो के सपनो से मधुर नही होते, तबसे मुझे प्रभु के न्याय मे दृढ़ श्रद्धा हो गयी हैं|” ~ख़लील जिब्रान
  23. ”बर्फ और तूफान फुलो को तबाह कर सकते हैं, लेकिन बीज नही मर सकते|” ~ख़लील जिब्रान
  24. ”उस जाति की स्थिति कितनी दयनीय हैं, जो परस्पर वेमनस्य के कारण कई संप्रदायो मे बॅट चुकी हैं और हर संप्रदाय स्वयं को एक जाती मानने लगा हैं|” ~ख़लील जिब्रान
  25. जब जिंदगी को अपने दिल के गीत सुनाने के लिए गायक नही मिलता तो वह अपने मन के विचार सुनाने के लिए दार्शनिक पैदा कर देती हैं|” ~ख़लील जिब्रान
  26. ”वह गमगीन हृदय कितना भव्य हैं, जो खुशी का तराना गाता हैं|” ~ख़लील जिब्रान
  27. ”अमीर और ग़रीब का फ़र्क कितना नगण्य हैं| एक ही दिन की भूख और एक ही घंटे की प्यास दोनो को समान बना देती हैं|” ~ख़लील जिब्रान
  28. आगे बढ़ो, कभी रुको मत, क्योंकि आगे बढना पूर्णता है। आगे बढ़ो और रास्ते में आने वाले काँटों से डरो मत, क्योंकि वे सिर्फ गंदा खून निकालते हैं।
  29. एक दूसरे से प्रेम करें, लेकिन प्रेम का कोई बंधन न बाधें: बल्कि इसे अपनी आत्माओं के किनारों के बिच एक बहते हुए सागर के समान रहने दें।
  30. प्रेम के बिना जीवन उस वृक्ष के समान है जिसपे न बहार आए न फल हों।
  31. अगर आप किसी से प्रेम करते हैं तो उसे जाने दें, क्योंकि अगर वो लौटते हैं तो वो हमेशा से आपके थे और अगर नहीं लौटते हैं तो कभी आपके नहीं थे।
  32. ”संतोष जीवन के उद्देश्य का दरवाज़ा खोलता हैं, क्यूकी सिवाय संतोष के उस दरवाज़े की और कोई कुंजी नही हैं|” ~ख़लील जिब्रान
  33. ”यह ज़्यादा अक्लमंदी की बात हैं की हम उस खुदा की बाते कम करे, जिसे हम समझ नही सकते और उन इंसानो की बाते ज़्यादा करे जिन्हे हम समझ सकते हैं|” ~ख़लील जिब्रान
  34. कल हम राजाओं की आज्ञा मानते थे और शासकों के सामने सिर झुकाते थे। लेकिन आज हम सिर्फ सत्य के सामने घुटने टेकते हैं, सुंदरता का अनुसरण करते हैं, और सिर्फ प्रेम की आया मानते हैं।

101.
If you reveal your secrets to the wind, you should not blame the wind for revealing them to the trees.

102.
Beauty is not in the face; beauty is a light in the heart.

103.
Friendship is always a sweet responsibility, never an opportunity.

104.
Ever has it been that love knows not its own depth until the hour of separation?

105.
Beauty is eternity gazing at itself in a mirror.

106.
A shy failure is nobler than an immodest success.

107.
Doubt is a pain too lonely to know that faith is his twin brother.

108.
Life without love is like a tree without blossom and fruit.

109.
No lower can a man descend than to interpret his dreams into gold and silver.

110.
They deem me mad because I will not sell my days for gold; and I deem them mad because they think my days have a price.

111.
We choose our joys and sorrows long before we experience them.

112.
Generosity is giving more than you can, and pride is taking less than you need.

113.
Most people who ask for advice from others have already resolved to act as it pleases them.

114.
Out of suffering have emerged the strongest souls; the most massive characters are seared with scars.

115.
If you cannot work with love but only with distaste, it is better that you should leave your work.

116.
It is wrong to think that love comes from long companionship and persevering courtship. Love is the offspring of spiritual affinity and unless that affinity is created in a moment, it will not be created for years or even generations.

117.
Oh heart, if one should say to you that the soul perishes like the body, answer that the flower withers, but the seed remains.

118.
Wisdom ceases to be wisdom when it becomes too proud to weep, too grave to laugh, and too selfish to seek other than itself.

119.
Your children are not your children. They are the sons and daughters of Life’s longing for itself.

120.
We are all like the bright moon, we still have our darker side.

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