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Thursday, December 6, 2018

Top 100 Dhoka Shayari in Hindi 2022 {100% Fresh & Unique}



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Top 100 Dhoka Shayari in Hindi 2022 {100% Fresh & Unique}

Top 100 Dhoka Shayari in Hindi 2022 {100% Fresh & Unique}


1. आपकी आँखे अक्सर वही लोग खोलते है, जिनपर आप आँखे बंद करके विश्वाश करते है|

2. पल पल उसका साथ निभाते हम, एक इशारे पे दुनिया छोड़ जाते हम, समुन्द्र के बीच में पहुच कर फरेब किया उसने वो कहता तो किनारे पर ही डूब जाते हम|

3. टुटा हो दिल तो दुःख होता है, करके मोहब्बत किसी से ये दिल रोता है, दर्द का अहसास तो तब हो और उसके दिल में कोई और होता है|

4. धोखा देती है अक्सर मासूम चेहरे की चमक, हर काँच के टुकड़े को हीरा नहीं कहते|

5. जानता था की वो धोखा देगी एक दिन पर चुप रहा क्यूंकि उसके धोखे में जी सकता हूँ पर उसके बिना नहीं|

6. धोखा भी बादाम की तरह है, जितना खाओगे उतनी अक्ल आती है|

7. इश्क में इसलिए भी धोखा खानें लगें हैं लोग, दिल की जगह जिस्म को चाहनें लगे हैं लोग|

8. मैंने खाया है चिरागों से इस कदर धोखा, मै जल रहा हूँ सालों से मगर रौशनी नहीं होती|

9. धोखा दिया था जब तूने मुझे, जिंदगी से मैं नाराज था, सोचा कि दिल से तुझे निकाल दूं, मगर कंबख्त दिल भी तेरे पास था|

10. कुछ लोग इतने गरीब होते है की, देने के लिए कुछ नहीं होता तो धोखा दे देते है|

11. तकलीफ ये नही की किस्मत ने मुझे धोखा दिया, मेरा यकीन तुम पर था किस्मत पर नही|

12. कौन है इस जहाँ मे जिसे धोखा नहीं मिला, शायद वही है ईमानदार जिसे मौक़ा नहीं मिला|

13. धोखा देती है शरीफ चेहरों की चमक अक्सर, हर कांच का टूकड़ा हीरा नहीं होता|

14. लोग कहते है प्यार मे धोखा मिलता है, पर जो कहते है वो मेरे सनम को नही देखा|

15. जब दो टूटे हुए दिल मिलते है, तब मोहब्बत में धोखा नहीं होता|

16. देखा है जिदंगी में हमने ये आज़मा के, देते है यार धोख़ा दिल के करीब ला के|

17. दिल तो पहली बार ही टूट गया था, बाद में तो इसने जिद कर ली थी धोखा खाने की|

18. किसी की मजबूरी का मजाक ना बनाओ यारों, ज़िन्दगी कभी मौका देती है तो कभी धोखा भी देती है|

19. धोखा तो हर किसी को मिलना चाहिए, जीवन में एक बार वरना कुछ अधूरा सा लगता है|

20. हैरान हूँ तुम्हारे हसरतों पर मैं हर चीज माँगी तुमने मुझसे मुझे छोड़कर|

21. खाए है लाखो धोखे, एक धोखा और से लेंगे, तू लेजा अपनी डोली को, हम अपनी अर्थी को बारात कह लेंगे|

22. मैं उसका सबसे पसंदीदा खिलौना हूँ दोस्तों, वो रोज़ जोड़ती है मुझे फिर से तोड़ने के लिए|

23. सज़दे कीजिये, या माँगिये दुआयें, जो आपका है ही नही, वो आपका होगा भी नही|

24. जो जले थे हमारे लिऐ बुझ रहे है वो सारे दिये, कुछ अंधेरों की थी साजिशें कुछ उजालों ने धोखे दिये|

25. हँसी यूँ ही नहीं आई है इस ख़ामोश चेहरे पर कई ज़ख्मों को सीने में दबाकर रख दिया हमने|

26. जख्म जब मेरे सीने के भर जायेंगें, आसूं भी मोती बन कर बिखर जायेंगें, ये मत पूछना किस किस ने धोखा दिया, वर्ना कुछ अपनों के चेहरे उतर जायेंगें|

27. हालात ने तोड़ दिया हमें कच्चे धागे की तरह, वरना हमारे वादे भी कभी ज़ंजीर हुआ करते थे|

28. बेवफ़ाओं की महफ़िल लगेगी, आज ज़रा वक़्त पर आना मेहमान ए ख़ास हो तुम|

29. समेट कर ले जाओ अपने झूठे वादों के अधूरे क़िस्से अगली मोहब्बत में तुम्हें फिर, इनकी ज़रूरत पड़ेगी|

30. बुरे वक्त में ही सबके असली रंग दिखते हैं, दिन के उजाले में तो पानी भी चांदी लगता है|

31. मैं उसका सबसे पसंदीदा खिलौना हूँ दोस्तों वो रोज़ जोड़ती है मुझे फिर से तोड़ने के लिए|

32. मत रख हमसे वफा की उम्मीद, हमने हर दम बेवफाई पायी है, मत ढूंढ हमारे जिस्म पे जख्म के निशान, हमने हर चोट दिल पे खायी है|

33. फ़ासला नज़रों का धोखा भी तो हो सकता है, वो मिले या न मिले हाथ बढा़ कर देखो|

34. मुकद्दर मे रात की नींद मुनासिब नहीं तो क्या हुआ, हम भी मुकद्दर को धोखा दे कर दिन मे सो जाते है|

35. हराकर कोई जान भी ले ले, मुझे मंजुर है, पर धोखा देने वालों को मै दुबारा मौका नही देता|

36. कौन है इस जहाँ मे जिसे धोखा नहीं मिला, शायद वही है ईमानदार जिसे मौक़ा नहीं मिला|

37. दर्द इतना था ज़िंदगी में कि धड़कन साथ देने से घबरा गयी, आंखें बंद थी किसी कि याद में ओर मौत धोखा खा गयी|

38. इस कदर भूखा हूँ साहब, कभी कभी धोखा भी खा लेता हूँ|

39. हमारी तड़प तो कुछ भी नही है हुजुर सुना है कि उसके दिदार के लिए तो आईना भी तरसता है|

40. मैं चंद्रमुखी, तू सूरजमुखी, मैं तुझसे दुखी, तू मुझसे दुखी एक काम कर दे बिल्डिंग से कूदकर मरजा तू भी सुखी मैं भी सुखी|

41. मत पूछ कैसे गुज़र रहा है हर पल मेरा तेरे बिना, कभी बात करने की हसरत कभी मिलने की तमन्ना|

42. न कुर्बतों में सुकून है, न फासलों में करार है, ना वस्ल में मज़ा है, न हिज़्र में वो सज़ा है मैं कहूँ जान की आफत तुम कहते हो कि प्यार है|

43. नसीब से ज्यादा भरोसा तुम पर किया, फिर भी नसीब इतना नहीं बदला जितना तुम बदल गये|

44. फुर्सत में याद करना हो तो कभी न करना , हम तनहा ज़रूर है मगर फज़ुल नही|

45. मत पूछ कैसे गुज़र रही है ज़िन्दगी, ज़िन्दगी ऐसे गुज़र रही है जैसे गुज़र ही नहीं रही?

46. मोहब्बत जितनी मिली सारी बाँट दी दुनिया वालों को,  जब मैंने झोली फैलाई तो किसी ने दर्द के सिवा कुछ न दिए|

47. उससे में तब ही याद आता हु जब उसके पास कोई नहीं होता|

48. में क्यों पुकारू उससे की लौट आओ, क्या उसको खबर नहीं है की कुछ नहीं है मेरे पास उसके सिवा|

49. जूठ बोलने से क्या फायदा, जब जाना ही था तो, बहाने बनाने की क्या ज़रूरत थी|

50. भगवान मुझे प्लीज ऐसे लोगो से मत मिलाओ जो सिर्फ अपना मतलब निकलना जानता हो|

51. किसी के लिए रोना बेकार है अब तो, लोग तो अपना मतलब निकाल कर चले जाते है

52. आखिर तूने दिखा ही दी अपनी औकात, जा तुझे आज़ाद करते है हम|

53. सोचता हु जब तेरे बारे में, तो सिर्फ इक चीज़ मिली थी हमें तुझसे प्यार करने के बाद, और वो था सिर्फ धोका|

54. अक्सर में लोगो को अपना बना लेता हु, पल भर में में अपना सब कुछ बता देता हु, यूँ तो लोगो की इंसानियत तो देखो, सब कुछ सुनकर फिर साथ छोर जाते है|

55. ज़िंदगी में न जाने और कितने सितम मिलेंगे, मेरी गुज़ारिश है मेरे खुदा से के हम आपस में कब मिलेंगे|

56. जिस नाम से मोहब्बत करते थे, अब तो उस नाम से हमें नफरत होने लगी है|

57. शिकवा नहीं क तू भी बदल जायेगी, हमें तो मौसम ने बता दिए था, के तेरा हाल अब ठीक नहीं है|

58. अरे कुछ तो इंसानियत राखी होती, तो यूँ तुम दो कश्तियो में सवार न कर रहे होते|

59. मैंने तो सोचा के तू मुझे भोत प्यार करती है, पर अब मालूम हुआ, के ये प्यार नहीं सिर्फ एक धोका था|

60. रुलाकर उसने मुझसे कहा कि अब मुस्कराओ तो हम हस पढ़े क्यूंकि सवाल अब हसी का नहीं पर उसकी ख़ुशी का था|

61. मै इस काबिल तो नहीं की कोई मुझे अपना समझे मगर इतना यकीन है की कोई अफ़सोस जरूर करेगा मुझे खो देने के बाद|

62. टाइमपास करके किसिस से पीछा छुड़ाना आसान है लेकिन किसी से सच्चा प्यार करके दूर जाना बहुत मुश्किल है|

63. दिल मैं आया था कोई जल्दी मैं था इसी लिए चला गया|

64. पसंद न आये मेरा साथ तो हमे बता देना महसूस भी न कर पाओगे इतने दूर चले जायेगे|

65. सच कहा था किसी ने तन्हाई में जीना सीख लो, मोहब्बत जितनी भी सच्ची हो, साथ शोध ही देती है|

66. उन्हें बेवफा जो बोलो तो तोहिन है वफ़ा की, वो तो वफ़ा निभा रहे है, कभी इदर तो कभी उदर|

67. रूठ जाने की अदा हम को, भी आती है दोस्त काश होता कोई हम को भी मनाने वाला|

68. रिस्तो को हालात बदल देते है, अब तेरा जीकर होने पर हम बात बदल देते है|

69. मत बताओ तुम कुछ मुझे, मै तेरी आँखों को हर वक़्त पड़ती हु|

70. जबसे वो मशहूर हो गए है, हमसे कुछ दूर हो गए है|

71. भुला देंगे तुझे भी जरा सबर तो कीजिये, तुम्हारी तरह बेवफा होने मैं वक़्त तो लगेगा|

72. कुछ जखम सदियों बाद भी ताज़ा रहते है जनाब, वक़्त के पास भी हर मर्ज़ की दवा नहीं होती|

73. मेरा दिल जानता है दोनों मंजर मैंने देखे है, तेरे आने पर क्या गुजरी, तेरे जाने पर क्या गुजरी|

74. कोई बताएगा कैसे दफनाते है वो ख्वाब ख्वाब जो दिल में  ही मर जाते है|

75. अब सजा दे ही चुके हो तो मेरा हल न पूछना, अगर मैं बेगुन्हा निकला तो अफ़सोस बहुत होगा|

76. खुदा जाने कैसे कसर रह गई उसे चाहने मे, के वह जान ही न पाए को मेरी जान है वो|

77. मुझसे धोखा करने की सझा ना देना उसे अये खुदा गलती हमने की और सझा उसे क्यों मिले|

78. सूरत की दीवानी दुनिया मन के अंदर जाके कौन|

79. तेरी दोस्ती ने दिया शकुन इतना की तेरे बाद कोई अच्छा भी न लगे तुझे करनी है बेवफाई तो इस क़दर की तेरे तेरे बाद कोई बेवफा भी न लगे करनl|

80. दिल किसी से तब ही लगाना जब दिल्लों को परखना सिख लो, हट एक चहरे की फितरत में वफादारी नहीं होती|

81. धोखा मिला जब प्यार में, ज़िन्दगी में उदासी सी च गई सोचा था छोड़ देंगे इस रहा को खाम्बखत मोहल्ले में दूसरी आगई|

82. कैसे बयां करो अलफ़ाज़ नहीं है, दर्द का तुझे मेरे अहेसास नहीं है, पूछते हु मुझसे किया दर्द है, मुझे दर्द ये है के की तो मेरे पास नहीं है|

83. हर मुलाक़ात पर वक़्त का ताखाज़ा हुवा, हर याद पर दिल का दर्द ताज़ा हुवा, सोनी थी सिर्फ लोगो से जुदाई की बातें आज खुद पर बीती तो हकीक़त का अन्ज़दा हुवा|

84. दिल का हाल बताना नहीं आता किसी को ऐसे तडपना नहीं आता, सुनना चाहते है एक बार आवाज आपकी मगर बार करने का बहाना नहीं आता|

85. महेसूस कर रहे है तेरी लापरवाहियां कुछ दिनों दे अगर हम बदल गए तो मानना तेरे बस की बात नहीं|

86. इन आँखों में आसूं आये न होते अगर वो पीछे से मुश्कुराये न होते उनके जाने के बाद बस यही गम रहेगा कि काश वो हमारी ज़िन्दगी में आये न होते|

87. जो मेरा था वो मेरा हो न पाया आँखों में आसों भरे थे पर में रो न पाया, एक दिन उन्होंने कहा कि हम मिलेंगे खुवाब मे, पर मेरी बदकिस्मती तो देखिये उस रात में सो नहीं पाया|

88. ऐ मुझ को फ़रेब देने वाले, मैं तुझ पे यक़ीन कर चुका हूँ|

89. ऐसे मिला है हम से शनासा कभी  न था, वो यूँ बदल ही जाएगा सोचा कभी न था|

90. अक्सर ऐसा भी मोहब्बत में हुआ करता है, कि समझ बूझ के खा जाता है धोका कोई|

91. बाग़बाँ ने आग दी जब आशियाने को मिरे, जिन पे तकिया था वही पत्ते हवा देने लगे|

92. धोका था निगाहों का मगर ख़ूब था धोका, मुझ को तिरी नज़रों में मोहब्बत नज़र आई|

93. दिखाई देता है जो कुछ कहीं वो ख़्वाब न हो, जो सुन रही हूँ वो धोका न हो समाअत का|

94. फ़ासला नज़रों का धोका भी तो हो सकता है, वो मिले या न मिले हाथ बढ़ा कर देखो|

95. हाथ छुड़ा कर जाने वाले, मैं तुझ को अपना समझा था|

96. इक बरस भी अभी नहीं गुज़रा कितनी जल्दी बदल गए चेहरे|

97. इक सफ़र में कोई दो बार नहीं लुट सकता, अब दोबारा तिरी चाहत नहीं की जा सकती|

98. जिन की ख़ातिर शहर भी छोड़ा जिन के लिए बदनाम हुए आज वही हम से बेगाने बेगाने से रहते हैं|

99. जो बात दिल में थी उस से नहीं कही हम ने वफ़ा के नाम से वो भी फ़रेब खा जाता|

100. किस ने वफ़ा के नाम पे धोका दिया मुझे किस से कहूँ कि मेरा गुनहगार कौन है|

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