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Monday, March 11, 2019

Top 120 Khamoshi Shayari in English 2022 [Unique & Fresh]



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Khamoshi Shayari in English 2022

Khamoshi Shayari in English 2022


1.मेरी खामोशियों में भी फसाना ढूंढ लेती है,
बड़ी शातिर है ये दुनिया बहाना ढूंढ लेती है,
हकीकत जिद किये बैठी है चकनाचूर करने को,
मगर हर आंख फिर सपना सुहाना ढूंढ लेती है।
2.तड़प रहे है हम तुमसे एक अल्फाज के लिए,
तोड़ दो खामोशी हमें जिन्दा रखने के लिए।
3.चलो अब जाने भी दो यार क्या करोगे दास्तान सुनकर,
खामोशी तुम समझोगे नहीं और बयां हमसे होगा नहीं।
4.मेरी खामोशी से किसी को कोई फर्क नही पड़ता,
और शिकायत में दो लफ़्ज कह दूं तो वो चुभ जाते हैं।
5.जब कोई ख्याल दिल से टकराता है,
दिल न चाह कर भी खामोश रह जाता है,
कोई सब कुछ कह कर प्यार जताता है,
कोई कुछ न कहकर भी सब बोल जाता है।
6.तेरी खामोशी अगर तेरी मजबूरी है,
तो रहने दे इश्क कौन सा जरुरी है।
7.लोग तो सो लेते हैं जमाने कि चाहेल पहेल में,
मुझे तो तेरी खामोशी सोने नहीं देती।
8.भीगी आँखों से मुस्कुराने का मजा और है,
हँसते हँसते पलके भिगोने का मजा और है,
बात कह के तो कोई भी समझ लेता है,
खामोशी को कोई समझे तो मजा और है।
9.गिला शिकवा ही कर डालो के कुछ वक़्त कट जाए,
लबो पे आपके यह खामोशी अच्छी नहीं लगती।
10.हक़ीकत में खामोशी कभी भी चुप नहीं रहती है,
कभी तुम गौर से सुनना बहुत किस्से सुनाती है।
11.मोहब्बत नहीं थी तो एक बार समझाया तो होता,
नादान दिल तेरी खामोशी को इश्क समझ बैठा।
12.तड़प रहे है हम तुमसे एक अल्फाज के लिए,
तोड़ दो खामोशी हमें जिन्दा रखने के लिए।
3.1चलो अब जाने भी दो यार क्या करोगे दास्तान सुनकर,
खामोशी तुम समझोगे नहीं और बयां हमसे होगा नहीं।
14.मेरी खामोशी से किसी को कोई फर्क नही पड़ता,
और शिकायत में दो लफ़्ज कह दूं तो वो चुभ जाते हैं।
15.जब कोई ख्याल दिल से टकराता है,
दिल न चाह कर भी खामोश रह जाता है,
कोई सब कुछ कह कर प्यार जताता है,
कोई कुछ न कहकर भी सब बोल जाता है।
16.तेरी खामोशी अगर तेरी मजबूरी है,
तो रहने दे इश्क कौन सा जरुरी है।
  1. मेरी खामोशियों में भी फसाना ढूंढ लेती है,
    बड़ी शातिर है ये दुनिया बहाना ढूंढ लेती है,
    हकीकत जिद किये बैठी है चकनाचूर करने को,
    मगर हर आंख फिर सपना सुहाना ढूंढ लेती है।
18.जज्बात कहते हैं, खामोशी से बसर हो जाएँ,
दर्द की ज़िद हैं कि दुनिया को खबर हो जाएँ
19.चुभता तो बहुत कुछ हैं मुझे भी तीर की तरह,
लेकिन खामोश रहता हूँ तेरी तस्वीर की तरह.
20.ख़ामोश शहर की चीखती रातें,
सब चुप हैं पर, कहने को है हजार बातें.
  1. जब से ग़मों ने मेरी जिंदगी में
    अपनी दुनिया बसाई है, दो ही साथी बचे हैं अपने
    एक ख़ामोशी और दूसरी तन्हाई है..
  2. बड़ी ख़ामोशी से गुज़र जाते हैं
    हम एक दूसरे के करीब से फिर भी दिलों का शोर सुनाई दे ही जाता है..
  3. जब वो खामोश होती है तब मुझे
    दुनिया की सबसे महँगी चीज
    उनकीआवाज़ लगती है..
  4. हमारी मोहब्बत जरूर अधूरी रह गयी होगी पिछले जन्म मे,
    वरना इस जन्म की तेरी ख़ामोशी मुझे इतना बेचैन न करती.
  5. ख़ामोशी में चाहे जितना बेगाना-पन हो
    लेकिन इक आहट जानी-पहचानी होती है..
  6. उसे बेचैन कर जाऊँगा मैं भी,
    ख़मोशी से गुज़र जाऊँगा मैं भी. मुझे छूने की ख़्वाहिश कौन करता है
    कि पल भर में बिखर जाऊँगा मैं भी..
  7. ख़ामोशी छुपाती है ऐब और हुनर दोनों,
    शख्सियत का अंदाज़ा गुफ्तगू से होता है.
  8. हमारी ख़ामोशी ही हमारी कमजोरी बन गयी,
    उन्हें कह न पाए दिल के जज़्बात और इस तरह से
    उनसे इक दूरी बन गयी..
  9. ख़ामोशी बहुत कुछ कहती है,
    कान लगाकर नहीं, दिल लगाकर सुनो..
  10. खामोशी से गुजरी जा रही है जिन्दगी,
    ना खुशियों की रौनक ना गमों का कोई शोर. आहिस्ता ही सही पर कट जायेगा ये सफ़र,
    पर ना आयेगा दिल में उसके सिवा कोई और..
  11. तुम्हारे खुश होने के अंदाज से लगता है,
    कुछ टुटा है बड़ी खामोशी से तेरे अन्दर.
  12. खामोशी से बनाते रहिये पहचान अपनी,
    हवाएँ ख़ुद गुनगुनाएगी नाम आपका..
  13. मेरी खामोशियों पर भी उठ रहे थे सौ सवाल,
    दो लफ्ज़ क्या बोले मुझे बेगैरत बना दिया.
  14. हर जज़्बात कोरे कागज़ पर उतार दिया उसने,
    वो खामोश भी रहा और सब कुछ कह गया..
  15. आसान नहीं उस शख्स को समझना,
    जो जानता सब कुछ हो पर खामोश रहे हर वक़्त..
  16. शोर तो गुजरे लम्हे किया करते हैं जिंदगी में अक्सर,
    वो तो आज भी हमारे पास से ख़ामोशी से गुजर जाते हैं..
  17. मोहब्बत नहीं थी तो एक बार समझाया तो होता,
    नादान दिल तेरी खामोशी को इश्क समझ बैठा।
  18. खामोशी बहुत अच्छी है,
    कई रिश्तों की अाबरू ढक लेती है।
  19. हर जगह बैठना इंतज़ार नहीं होता,
    किसी की ख़ामोशी का मतलब इंकार नहीं होता,
    नज़रें तो हर एक से मिलती हैं,
    हर नज़र का मिलना प्यार नहीं होता।
  20. रहना चाहते थे साथ उनके,
    पर इस ज़माने ने रहने न दिया,
    कभी वक़्त की ख़ामोशी में खामोश रहे,
    तो कभी उनकी खामोशी ने कुछ कहने न दिय।
  21. मेरी खामोशियों में भी फसाना ढूंढ लेती है,
    बड़ी शातिर है ये दुनिया बहाना ढूंढ लेती है,
    हकीकत जिद किये बैठी है चकनाचूर करने को,
    मगर हर आंख फिर सपना सुहाना ढूंढ लेती है।
  22. तड़प रहे है हम तुमसे एक अल्फाज के लिए,
    तोड़ दो खामोशी हमें जिन्दा रखने के लिए।
  23. मोहब्बत नहीं थी तो एक बार समझाया तो होता,
    नादान दिल तेरी खामोशी को इश्क समझ बैठा।
  24. गिला शिकवा ही कर डालो के कुछ वक़्त कट जाए,
    लबो पे आपके यह खामोशी अच्छी नहीं लगती।
  25. भीगी आँखों से मुस्कुराने का मजा और है,
    हँसते हँसते पलके भिगोने का मजा और है,
    बात कह के तो कोई भी समझ लेता है,
    खामोशी को कोई समझे तो मजा और है।
  26. लोग तो सो लेते हैं जमाने कि चाहेल पहेल में,
    मुझे तो तेरी खामोशी सोने नहीं देती।
  27. तेरी खामोशी अगर तेरी मजबूरी है,
    तो रहने दे इश्क कौन सा जरुरी है।
  28. जब कोई ख्याल दिल से टकराता है,
    दिल न चाह कर भी खामोश रह जाता है,
    कोई सब कुछ कह कर प्यार जताता है,
    कोई कुछ न कहकर भी सब बोल जाता है।
  29. मेरी खामोशी से किसी को कोई फर्क नही पड़ता,
    और शिकायत में दो लफ़्ज कह दूं तो वो चुभ जाते हैं।
  30. चलो अब जाने भी दो यार क्या करोगे दास्तान सुनकर,
    खामोशी तुम समझोगे नहीं और बयां हमसे होगा नहीं।
  31. तेरी खामोशी जला देती है इस दिल की तमन्नाओ को,
    बाकी सारी बातें अच्छी हैं तेरी तश्वीर में।
  32. मेरी आवाज़ किसी शोर में गर डूब गई
मेरी खामोशी बहुत दूर सुनाई देगी..
~गुलज़ार
  1. ख़ामोशी का क्या क्या मतलब होता है
~इनआम आज़मी
  1. कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँ
उन से कितना कुछ कहने की कोशिश की
~गुलज़ार
  1. रंग दरकार थे हम को तेरी ख़ामोशी के
एक आवाज़ की तस्वीर बनानी थी हमें
~नाज़िर_वहीद
  1. जैसे इक तूफ़ान से पहले की ख़ामोशी
आज मिरी बस्ती में ऐसा सन्नाटा है
  1. ख़ामोशी के दल-दल में
कब से मेरे पाँव फँसे हैं
~गुलज़ार
  1. कोई जब पूछ बैठेगा ख़ामोशी का सबब तुमसे,
बहुत समझाना चाहोगे मगर समझा ना पाओगे !!
  1. ख़ामोशी का हासिल भी इक लम्बी सी ख़ामोशी थी
    उन की बात सुनी भी हम ने अपनी बात सुनाई भी
  2. ख़ामोशी का राज़ खोलना भी सीखो
आँखों की ज़बाँ से बोलना भी सीखो
  1. मुँह की बात सुने हर कोई दिल के दर्द को जाने कौन
आवाज़ों के बाज़ारों में ख़ामोशी पहचाने कौन
~NidaFazli
  1. हम लबों से कह न पाये उन से हाल-ए-दिल कभी
और वो समझे नहीं ये ख़ामोशी क्या चीज़ है
  1. ख़ामोशी के कुएँ में उतरो कभी
रेत ही रेत पड़ी है ख़स्ता आवाज़ों की
मुर्दा लफ़्ज़ों के कंकर हैं
काई लगी है दीवारों पर…
~गुलज़ार
  1. मुँह की बात सुने हर कोई दिल के दर्द को जाने कौन,
आवाज़ों के बाज़ारों में ख़ामोशी पहचाने कौन !! -निदा फ़ाज़ली
  1. हम लबों से कह न पाए उनसे हाल-ए-दिल कभी
और वो समझे नहीं ये ख़ामोशी क्या चीज़ है -निदा फ़ाज़ली
  1. जो सुनता हूँ सुनता हूँ मैं अपनी ख़मोशी से
जो कहती है कहती है मुझ से मेरी ख़ामोशी
  1. यार सब जमा हुए रात की ख़ामोशी में
कोई रो कर तो कोई बाल बना कर आया
  1. जिन्हों ने सजाये यहा मेले
सुख दुख संग संग झेले
वही चुनकर खामोशी
यूँ चले जाये अकेले कहा..
बस एक एहसास की ख़ामोशी है-गूँजती है
बस एक तकमील का अँधेरा है-जल रहा है
गुलज़ार
  1. प्यार कोई बोल नहीं
प्यार आवाज नहीं
इक ख़ामोशी है,सुनती है,कहा करती है..!
-गुलज़ार
  1. मुहँ की बात सुने है कोई
दिल के दर्द को जाने कौन।
आवाजों के बाज़ारों में
ख़ामोशी पहचाने कौन?
-निदा फाजली

  1. जब कोई बाहर से खामोश होता है,
    तो उसके अंदर बहुत ज्यादा शोर होता हैं.
  2. दोस्त की ख़ामोशी को मैं समझ नहीं पाया,
    चेहरे पर मुस्कान रखी और अकेले में आंसू बहाया।
  3. चुभता तो बहुत कुछ हैं मुझे भी तीर की तरह,
    लेकिन खामोश रहता हूँ तेरी तस्वीर की तरह.
  4. ख़ामोश शहर की चीखती रातें,
    सब चुप हैं पर, कहने को है हजार बातें.
  5. जज्बात कहते हैं, खामोशी से बसर हो जाएँ,
    दर्द की ज़िद हैं कि दुनिया को खबर हो जाएँ.
  6. कभी ख़ामोश बैठोगे, कभी कुछ गुनगुनाओगे,
    हम उतना याद आयेंगे, जितना तुम मुझे भुलाओगे.
  7. इंसान की अच्छाई पर सब खामोश रहते हैं,
    चर्चा अगर उसकी बुराई पर हो तो गूँगे भी बोल पड़ते हैं.
    खामोशी शायरी
  8. जब ख़ामोश आखों से बात होती हैं,
    ऐसे ही मोहब्बत की शुरूआत होती हैं.
  9. जब इंसान अंदर से टूट जाता हैं,
    तो अक्सर बाहर से खामोश हो जाता हैं.
  10. दिल की धड़कने हमेशा कुछ-न-कुछ कहती हैं,
    कोई सुने या न सुने ये ख़ामोश नहीं रहती हैं.
    खामोशी शायरी
  11. ख़ामोश फ़िजा थी कोई साया न था,
    इस शहर में मुझसा कोई आया न था,
    किसी जुल्म ने छीन ली हमसे हमारी मोहब्बत
    हमने तो किसी का दिल दुखाया न था.
  12. ख़ामोशी को इख़्तियार कर लेना,
    अपने दिल को थोड़ा बेकरार कर लेना,
    जिन्दगी का असली दर्द लेना हो तो
    बस किसी से बेपनाह प्यार कर लेना.
  13. जब कोई ख्याल दिल से टकराता हैं,
    दिल ना चाह कर भी, ख़ामोश रह जाता हैं,
    कोई सब कुछ कहकर प्यार जताता हैं,
    कोई कुछ ना कहकर भी, सब बोल जाता हैं.
  14. हर ख़ामोशी का मतलब इन्कार नही होता,
    हर नाकामी का मतलब हार नही होता,
    तो क्या हुआ अगर हम तुम्हें पा न सके
    सिर्फ पाने का मतलब प्यार नहीं होता.
    खामोशी शायरी
  15. मेरी ख़ामोशी में सन्नाटा भी हैं और शोर भी हैं,
    तूने गौर से नहीं देखा, इन आखों में कुछ और भी हैं.
  16. रात गम सुम है मगर खामोश नहीं,
    कैसे कह दूँ आज फिर होश नहीं,
    ऐसे डूबा हूँ तेरी आँखों की गहराई में
    हाथ में जाम है मगर पीने का होश नहीं.
  17. उसने कुछ कहा भी नहीं और मेरी बात हो गई,
    बड़ी अच्छी तरह से उसकी खामोशी से मुलाक़ात हो गई.
  18. चलो अब जाने भी दो,
    क्या करोगे दास्ताँ सुनकर,
    ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं,
    और बयाँ हम से होगा नहीं.
  19. राज खोल देते हैं,
    नाजुक से इशारे अक्सर,
    कितनी ख़ामोश
    मोहब्बत की जुबान होती हैं.
    खामोशी शायरी
  20. बोलने से जब अपने रूठ जाए,
    तब खामोशी को अपनी ताकत बनाएं।
  21. बातों को कोई न समझे
    बेहतर है खामोश हो जाना।
  22. जब खामोशी कमजोरी बन जाती है,
    तो खूबसूरत रिश्तों में दरारे आ जाती है.
  23. तेरी खामोशी, अगर तेरी मजबूरी है,
    तो रहने दे इश्क कौन सा जरूरी है.
  24. दर्द हद से ज्यादा हो तो आवाज छीन लेती है,
    ऐ दोस्त, कोई खामोशी बेवजह नहीं होती है.
  25. लोग कहते है कि वो बड़ा सयाना है,
    उन्हें क्या पता खामोशी से उसका रिश्ता पुराना है.
  26. मैंने अपनी एक ऐसी दुनिया बसाई है,
    जिसमें एक तरफ खामोशी और दूसरी तरफ तन्हाई है.
    खामोशी शायरी
  27. चुभता तो बहुत कुछ हैं मुझे भी तीर की तरह,
    लेकिन खामोश रहता हूँ तेरी तस्वीर की तरह.
  28. वक्त तुम्हारे ख़िलाफ़ हो तो खामोश हो जाना,
    कोई छीन नहीं सकता जो तेरे नसीब में है पाना।
  29. अपने ख़िलाफ बातें, मैं अक्सर खामोशी से सुनता हूँ..
    जवाब देने का हक, मैने वक्त को दे रखा है…
  30. तेरी खामोशी जला देती है इस दिल की तमन्नाओ को,
    बाकी सारी बातें अच्छी हैं तेरी तश्वीर में।
101.
मेरी खामोशियों में भी फसाना ढूंढ लेती है,
बड़ी शातिर है ये दुनिया बहाना ढूंढ लेती है,
हकीकत जिद किये बैठी है चकनाचूर करने को,
मगर हर आंख फिर सपना सुहाना ढूंढ लेती है।

102.
तड़प रहे है हम तुमसे एक अल्फाज के लिए,
तोड़ दो खामोशी हमें जिन्दा रखने के लिए।

103.
चलो अब जाने भी दो यार क्या करोगे दास्तान सुनकर,
खामोशी तुम समझोगे नहीं और बयां हमसे होगा नहीं।

104.
मेरी खामोशी से किसी को कोई फर्क नही पड़ता,
और शिकायत में दो लफ़्ज कह दूं तो वो चुभ जाते हैं।

105.
जब कोई ख्याल दिल से टकराता है,
दिल न चाह कर भी खामोश रह जाता है,
कोई सब कुछ कह कर प्यार जताता है,
कोई कुछ न कहकर भी सब बोल जाता है।

106.
तेरी खामोशी अगर तेरी मजबूरी है,
तो रहने दे इश्क कौन सा जरुरी है।

107.
लोग तो सो लेते हैं जमाने कि चाहेल पहेल में,
मुझे तो तेरी खामोशी सोने नहीं देती।

108.
भीगी आँखों से मुस्कुराने का मजा और है,
हँसते हँसते पलके भिगोने का मजा और है,
बात कह के तो कोई भी समझ लेता है,
खामोशी को कोई समझे तो मजा और है।

109.
गिला शिकवा ही कर डालो के कुछ वक़्त कट जाए,
लबो पे आपके यह खामोशी अच्छी नहीं लगती।

110.
हक़ीकत में खामोशी कभी भी चुप नहीं रहती है,
कभी तुम गौर से सुनना बहुत किस्से सुनाती है।

111.
मोहब्बत नहीं थी तो एक बार समझाया तो होता,
नादान दिल तेरी खामोशी को इश्क समझ बैठा।

112.
तेरी खामोशी जला देती है इस दिल की तमन्नाओ को,
बाकी सारी बातें अच्छी हैं तेरी तश्वीर में।

113.
शोर की तो उम्र होती है,
खामोशी सदाबहार है.

114.
खामोशी बहुत अच्छी है,
कई रिश्तों की अाबरू ढक लेती है।

115.
अपने ख़िलाफ बातें, मैं अक्सर खामोशी से सुनता हूँ..
जवाब देने का हक, मैने वक्त को दे रखा है...

116.
Log kehte hai samjho to
khaamoshiyan bhi bolti hai,
Mein arse se khaamosh hoon
Woh barson se bekhabar hai

117.
"Rutba" to khaamoshiyon ka hota hai... "Alfaaz" ka kya woh to... Badal jaate hain aksar haalaat dekh kar

118.
जज्बात कहते हैं, खामोशी से बसर हो जाएँ,
दर्द की ज़िद हैं कि दुनिया को खबर हो जाएँ

119.
चुभता तो बहुत कुछ हैं मुझे भी तीर की तरह,
लेकिन खामोश रहता हूँ तेरी तस्वीर की तरह.

120.
ख़ामोश शहर की चीखती रातें,
सब चुप हैं पर, कहने को है हजार बातें.

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