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Monday, March 11, 2019

Top 100 Nafrat Shayari in Hindi 2022 [Unique & Fresh]



Nafrat Shayari in Hindi 2022: here are the some of the top-rated Shayari on the topic for you guys. This is the fresh and new collection. We assure you that it's unique and best.
Nafrat Shayari in Hindi 2022

Nafrat Shayari in Hindi 2022


  1. नफरतों के जहां में हमको प्यार की बस्तियां बसानी हैं,
    दूर रहना कोई कमाल नहीं, पास आओ तो कोई बात बने।
  2. महोब्बत और नफरत सब मिल चुके हैं मुझे,
    मैं अब तकरीबन मुकम्मल हो चुका हूँ।
  3. मोहब्बत करने से फुरसत नहीं मिली दोस्तो…
    वरना हम करके बताते नफरत किसको कहते हैं।
  4. जब नफरत करते करते थक जाओ,
    तब एक मौका प्यार को भी देना।
  5. Woh Nafratein Paale Rahe Hum Pyar Nibhate Rahe,
    Lo Yeh Zindgi Bhi Kat Gayi Khaali Haath Si.
    वो नफरतें पाले रहे हम प्यार निभाते रहे,
    लो ये जिंदगी भी कट गयी खाली हाथ सी।
  6. लेकर के मेरा नाम वो मुझे कोसता है,
    नफरत ही सही पर वो मुझे सोचता तो है।
  7. कुछ इस अदा से निभाना है किरदार मेरा मुझको,
    जिन्हें मुहब्बत ना हो मुझसे वो नफरत भी ना कर सके।
  8. Baith Kar Sochte Hain Ab Ke Kya Khoya Kya Paya,
    Unki Nafrat Ne Tode Bahut Meri Wafa Ke Ghar.
    बैठ कर सोचते हैं अब कि क्या खोया क्या पाया,
    उनकी नफरत ने तोड़े बहुत मेरी वफ़ा के घर।
  9. क़त्ल तो लाजिम है इस बेवफा शहर में,
    जिसे देखो दिल में नफरत लिये फिरता है।
  10. नफ़रत हो जायेगी तुझे अपने ही किरदार से,
    अगर मैं तेरे ही अंदाज में तुझसे बात करुं।
  11. तुझे प्यार भी तेरी औकात से ज्यादा किया था,
    अब बात नफरत की है तो नफरत ही सही।
  12. कुछ लोग तो मुजसे सिर्फ इसलिए भी नफरतकरते हैं
    क्योंकि..बहुत सारे लोग मुझसे प्यार करते हैं
  13. Mujhse Nafrat Hi Karne Hai To Irade Majboot Rakhna
    Jara Bhi Chooke To Mohabbat Ho Jayegi
  14. Ek Nafrat Hi Hai Jise Duniya Chand Lamho Mein Jaan Leti Hai
    Warna Chahat Ka Yaqeen Dilane Mein To Zindagi Beet Jati
  15. चला जाऊँगा मैं धुंध के बादल की तरह,
    देखते रह जाओगे मुझे पागल की तरह,
    जब करते हो मुझसे इतनी नफरत तो क्यों,
    सजाते हो आँखो में मुझे काजल की तरह।
  16. ना मेरा प्यार कम हुआ, ना उनकी नफरत।
    अपना अपना फर्ज था, दोनों अदा कर गये।।
  17. खुदा सलामत रखना उन्हें,
    जो हमसे नफरत करते हैं,
    प्यार न सही नफरत ही सही,
    कुछ तो है जो वो सिर्फ हमसे करते हैं।
  18. हाँ मुझे रस्म-ए-मोहब्बत का सलीक़ा ही नहीं,
    जा किसी और का होने की इजाज़त है तुझे।
  19. मैं काबिले नफरत हूँ, तो छोड़ दे मुझको।
    तू मुझसे यूँ दिखावे की मोहब्बत न किया कर।।
  20. नफरतें इश्क़ भी बड़ी की होती है उनसे,
    उनसे नफरत दिखता है और दिल ही दिल में प्यार करता है उनसे,
  21. नफरतें इश्क़ भी बड़ी की होती है उनसे,
    उनसे नफरत दिखता है और दिल ही दिल में प्यार करता है उनसे,
  22. कुछ इस अदा से निभाना है किरदार मेरा मुझको,
    जिन्हें मुहब्बत ना हो मुझसे वो नफरत भी ना कर सके।
  23. नफरतें समुंदर को देख के सीखा है मैने प्यार करना ,
    जब तक मोहब्बत है खूबसूरत नजारा है और दिल टूटा हो तो हर तरफ तबाही है,
  24. मोहब्बत में मेरे जज़्बात से तो खूब खेली तू।
    मेरे इश्क़ को नफरत के तराजू में तौलकर बेच डाली।।
  25. ये तेरी हल्की सी नफ़रत और थोड़ा सा इश्क़।
    यह तो बता ये मज़ा-ए-इश्क़ है या सजा़-ए-इश्क़।।
  26. मुझे नफ़रत सी हो गयी है
    अपनी जिन्दगी से।
और तू ज्यादा खुश ना हो,
क्योंकि तू ही मेरी जिन्दगी है।।
  1. प्यार में बेवाफाई मिले तो गम न करना,
    अपनी आँखे किसी के लिए नम न करना।
वो चाहे लाख नफरते करें तुमसे,
पर तुम अपना प्यार कभी उसके लिए कम न करना।।
  1. प्यार करना सिखा है
    नफरतो की कोई जगह नही।
बस तु ही तु है इस दिल मे,
दूसरा कोई और नही।।
  1. जो मुझसे नफरत करते हैं शौक से करें।
    हर शख्स को मैं अपनी मोहब्बत के काबिल नहीं समझती।।
  2. सुना है आज उनको हमारे जिक्र से भी नफ़रत है।
    जिसने कभी अपने दिल पर हमारा नाम लिखा था।।
  3. इश्क़ करे या नफरत इजाज़त है उन्हें।
    हमे इश्क़ से अपने कोई शिकायत नही।।
  4. ज़्यादा कुछ नहीं बदला उसके और मेरे बीच में।
    पहले नफरत नहीं थी और अब प्यार नहीं है।।
  5. नफरत करना तो सीखा ही नहीं साहब।
    हमने दर्द को भी चाहा है, अपना समझकार।।
  6. तुम्हारी नफरत पर भी लुटा दी ज़िन्दगी हमने।
    सोचो अगर तुम मुहब्बत करते तो हम क्या करते।।
  7. अब हम तो नए नफरत करने वाले तलाशा करते हैं।
    क्योंकि पुराने वाले तो अब हमसे मोहब्बत किया करते हैं।।
  8. हक़ से दो तो तुम्हारी नफरत भी कबूल हमें।
    खैरात में तो हम तुम्हारी मोहब्बत भी न लें।।
  9. मुझसे नफरत करनी है तो इरादे मजबूत रखना।
    जरा से भी चूके तो महोब्बत हो जायेगी।।
  10. काश कि दिल पर अपना अख्तियार होता।
    ना नफरत होती ना प्यार होता।।
  11. नफरत को हम प्यार देते हैं प्यार पे खुशियां वार देते हैं।
    बहुत सोच समझ कर हमसे कोई वादा करना ऐ दोस्त।
    हम पर वादे पर जिंदगी गुजार देते हैं।।
  12. ए सनम तूने ही आवाज ना लगाई,
    हमने तो तुझे हर लम्हे में पुकारा था।।
  13. नफरत हैं तो कह देते हमसे,
    गैरों से मिलकर क्यों दिल जलाते हैं।।
  14. कुछ लोग तो मुझसे सिर्फ इसलिए भी नफरत करते हैं।
    क्योंकि..बहुत सारे लोग मुझसे प्यार करते हैं।।
  15. नफरत हमने सीखी नही कभी दिल से।
    हम तो बस मौहब्बत ही रखते है हर किसी से।।
  16. प्यार, एहसान, नफरत, दुश्मनी जो चाहो वो मुझसे करलो।
    आप की कसम वही दुगुना मिलेगा।
  17. देख कर उसको तेरा यूँ पलट जाना।
    नफरत बता रही है तूने गज़ब की मोहब्ब
  18. मत रख इतनी नफ़रतें अपने दिल में ए इंसान।
    जिस दिल में नफरत होती है उस दिल में रब नहीं बसता।।
  19. मेरे पास वक्त नही है, नफ़रत करने का उन लोगो से,
    जो मुझसे नफऱत किया करते है।
  20. एक नफरत ही नहीं दुनिया में दर्द का सबब फ़राज़।
    मोहब्बत भी सकूँ वालों को बड़ी तकलीफ़ देती है।।
  21. नफ़रत करना है तो इस क़दर करना।
    के हम दुनिया से चले जाए पर तेरी आँख में आंशु ना आए।।
  22. मोहब्बत करने से फुरसत नहीं मिली दोस्तो…
    वरना हम करके बताते नफरत किसको कहते हैं।
  23. उनकी नफरत बता रही है।
    हमारी मोहब्बत गज़ब की थी।।
  24. गुज़रे है आज इश्क के उस मुकाम से।
    नफरत सी हो गयी है मोहब्बत के नाम से।।
  25. सुनो न.बेहद गुस्सा करते हो आजकल।
    नफरत करने लगे हो या ईश्क ज्यादा हो गया।।
  26. नफरतें लाख मिलीं पर मोहब्बत न मिली,
    ज़िन्दगी बीत गयी मगर राहत न मिली।
तेरी महफ़िल में हर एक को हँसता देखा,
एक मैं था जिसे हँसने की इजाजत न मिली।।
  1. कभी उसने भी हमें चाहत का पैगाम लिखा था
    सब कुछ उसने अपना हमारे नाम लिखा था
    सुना है आज उनको हमारे जिक्र से भी नफ़रत है
    जिसने कभी अपने दिल पर हमारा नाम लिखा था
  2. चला जाऊँगा मैं धुंध के बादल की तरह,
    देखते रह जाओगे मुझे पागल की तरह,
    जब करते हो मुझसे इतनी नफरत तो क्यों,
    सजाते हो आँखो में मुझे काजल की तरह।
  3. महोब्बत और नफरत सब मिल चुके हैं मुझे,
    मैं अब तकरीबन मुकम्मल हो चुका हूँ।
  4. बैठ कर सोचते हैं अब कि क्या खोया क्या पाया,
    उनकी नफरत ने तोड़े बहुत मेरी वफ़ा के घर।
  5. मोहब्बत करने से फुरसत नहीं मिली दोस्तो…
    वरना हम करके बताते नफरत किसको कहते हैं।
  6. दिल पर न मेरे यूँ वार कीजिये,
    छोहो ये नफरत थोड़ा प्यार कीजिये,
    तड़पते हैं जिस कदर तेरे प्यार में हम,
    कभी खुद को भी उस कदर बेकरार कीजिये।
  7. नफरतों के जहां में हमको प्यार की बस्तियां बसानी हैं,
    दूर रहना कोई कमाल नहीं, पास आओ तो कोई बात बने।
  8. मुझ से नफरत की अजब राह निकाली उसने,
    हसता हुआ मेरा दिल कर दिया खाली उसने,
    मेरे घर की रिवायत से वो खूब था वाकिफ,
    जुदाई मांग ली बन के सवाली उसने।
  9. तुम नफरत का धरना कयामत तक जारी रखो,
    मैं प्यार का इस्तीफा जिंदगी भर नहीं दूंगा।
  10. नफ़रत हो जायेगी तुझे अपने ही किरदार से,
    अगर मैं तेरे ही अंदाज में तुझसे बात करुं।
  11. तुझे प्यार भी तेरी औकात से ज्यादा किया था,
    अब बात नफरत की है तो नफरत ही सही।
  12. कुछ इस अदा से निभाना है किरदार मेरा मुझको,
    जिन्हें मुहब्बत ना हो मुझसे वो नफरत भी ना कर सके।
  13. देख कर उसको तेरा यूँ पलट जाना,
    नफरत बता रही है तूने इश्क बेमिसाल किया था।
  14. हमें बरबाद करना है तो हमसे प्यार करो,
    नफरत करोगे तो खुद बरबाद हो जाओगे।
  15. कभी उसने भी हमें मोहब्बत का पैगाम लिखा था,
    सब कुछ उसने अपना हमारे नाम लिखा था,
    सुना है आज उनको हमारे जिक्र से भी नफ़रत है,
    जिसने कभी अपने दिल पर हमारा नाम लिखा था।
  16. जब नफरत करते करते थक जाओ,
    तब एक मौका प्यार को भी देना।
  17. हाँ मुझे रस्म-ए-मोहब्बत का सलीक़ा ही नहीं,
    जा किसी और का होने की इजाज़त है तुझे।
  18. अगर इतनी ही नफरत है हमसे तो,
    दिल से कुछ ऐसी दुआ करो,
    की आज ही तुम्हारी दुआ भी पूरी हो जाये,
    और हमारी ज़िन्दगी भी।
  19. खुदा सलामत रखना उन्हें,
    जो हमसे नफरत करते हैं,
    प्यार न सही नफरत ही सही,
    कुछ तो है जो वो हमसे करते हैं.
  20. गुजरे हैं इश्क़ में हम इस मुकाम से
    नफरत सी हो गई है मोहब्बत के नाम से
    हम वो नहीं जो मोहब्बत में रो कर के
    जिंदगी को गुजार दे…
    अगर परछाई भी तेरी नजर आ जाए
    तो उसे भी ठोकर मार दें।
  21. तुम नफरत करो या मोहब्बत,
    दोनों हमारे हक में बेहतर हैं,
    नफरत करोगे तो हम तुम्हारे दिमाग में,
    मोहब्बत करोगे तो दिल में बस जायेंगे।
  22. उसने नफ़रत से जो देखा है तो याद आया,
    कितने रिश्ते उसकी ख़ातिर यूँ ही तोड़ आया हूँ,
    कितने धुंधले हैं ये चेहरे जिन्हें अपनाया है,
    कितनी उजली थी वो आँखें जिन्हें छोड़ आया हूँ।
  23. मोहब्बत करने से फुरसत नहीं मिली यारो,
    वरना हम करके बताते नफरत किसको कहते है।
  24. हसास बदल जाते हैं बस और कुछ नहीं,
    वरना नफरत और मोहब्बत एक ही दिल में होती है।
  25. वो नफरतें पाले रहे हम प्यार निभाते रहे,
    लो ये जिंदगी भी कट गयी खाली हाथ सी।
  26. कुछ जुदा सा है मेरे महबूब का अंदाज,
    नजर भी मुझ पर है और नफरत भी मुझसे ही।
  27. न मोहब्बत संभाली गई, न नफरतें पाली गईं, अफसोस है उस जिंदगी का, जो तेरे पीछे खाली गई।
  28. Tujhse nafrat kar tujhse hi chhupa rahe hai,
    Tum badlo ek din sahi is umeed me rishta nibha rahe hai.
  29. Kash ye din aaya na hota,
    Mujhe chhod tu kisi or ko paas laya na hota,
    Na hoti tujhse nafrat mujhe itni
    Agar tune yu dil dukhaya na hota.
    I Hate You
  30. Mohabbat Ke Badley Kyaa Inaam Diya Tumne
    Kisi Aur Ke Hone Ke Liye Humein Bhula Diya Tumne
  31. बड़ी हसीन थी जिंदगी
    जब ना किसी से मोहब्बत न किसी से नफरत थी
    जिंदगी में एक मोड़ ऐसा आया मोहब्बत उससे हुई
    और नफरत सारी दुनिया से हो गयी
  32. Aaj Ujaale Ki Kiran Kho Gayi
    Zindagi Veraan Se Ho Gayi
    Gaye Woh Din Jab
    Hum Ne Unse Umeed Rakhi
    Aaj Yeh Khub Ho Gaya Ki Hmme
    Mohabbat Se Nafrat Ho Gayi..!!
  33. तूने जो किया गुनाह
    हम तुझे माफ़ न करेंगे
    अगर मिल भी गए किसी और जनम में
    हम तब भी तुझसे नफरत ही करेंगे
  34. नफरत कभी न करना तुम हमसे
    ये हम सह नहीं पायेंगे
    एक बार कह देना हमसे ज़रूरत नहीं अब तुम्हारी
    तुम्हारी दुनिया से हसकर चले जायेंगे
  35. फिर यूँ हुआ के गैर को दिल से लगा लिया,
    अंदर वो नफरतें थी के बाहर के हो गये।
  36. Nafrat ki jagha hum mohabbat kaise laye,
    Tumhi batao tumhari bewafai ko or kitna bhulaye,
    Koi mujhse puchle ager mere aansuo ki wajha
    To tumhi batao usse hum kya baate.
  37. जीते थे कभी हम भी शान से
    महक उठी थी फिजा किसी के नाम से
    पर गुज़रे हैं हम कुछ ऐसे मुकाम से
    की नफरत सी हो गयी है मोहब्बत के नाम से
  38. Jab tumhare lamho par mera haq nhi,
    To kyo tum mere lamho me shamil hote ho,
Mujhe kehte to ho apna,
To kyo apno ke samne mujhe anjaan kehte ho,
Ab Nafrat na kare to or kya kare tumse,
Jo tum mere ho kar bhi kisi or ke naam hote ho
  1. कभी उसने भी हमें चाहत का पैगाम लिखा था,
    सब कुछ उसने अपना हमारे नाम लिखा था,
    सुना है आज उनको हमारे जिक्र से भी नफ़रत है,
    जिसने कभी अपने दिल पर हमारा नाम लिखा था…
  2. देख कर उसको तेरा यूँ पलट जाना,
    नफरत बता रही है तूने मोहब्बत गज़ब की की थी।
  3. न मोहब्बत संभाली गई, न नफरतें पाली गईं,
    अफसोस है उस जिंदगी का, जो तेरे पीछे खाली गई।
  4. ज्यादा कुछ नहीं बदला, उनके और मेरे बीच में,
    पहले नफरत नहीं थी, अब मोहब्बत नहीं हैं।
  5. Nafrat ko hum pyaar dete hain,
    Pyaar pe khushi baar dete hain,
    Bahut soch samjhkar humse vada karna,
    Ae-dost hum vaade par Jindagi gujaar dete hain!
98. Nafrat tum kabhi na karna humse,
Hum ye seh nahi payenge,
Ek bar keh dena humse, Jarurat nahi ab tumhri,
Aapki duniya se hass kar chale jayenge.
  1. Tune nafrat se jo dekha hai to yaad aya,
    Kitne rishte teri khaatir yunhi tod aayi hu..
    Kitne dhundhle hain ye chehre jinhe apnaaya hai,
    Kitni ujli thi wo aankhen jinhe chod aaya hu
  2. Jab Aap Kisi Se Rooth Kar Nafrat Se Baat Karo,
    Aur fir bhi Wo Uska Jawab Mohabbat Se de,
    To Samajh Jaana Ki Wo Aapko Khud Se Zyada Pyar Karta Hai.

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